कहीं आपकी भी तो रसोई में नहीं फूल झाडू की घास से बना नकली जीरा
शाहजहांपुर में पकड़ी गई है नकली जीरा बनाने की फैक्ट्री
पथरी, लकवा, अपच, कैंसर लीवर जैसी बीमारी के हो सकते हैं शिकार
फूल झाडू की घास, शीरा व स्टोन पाउडर को मिलाकर बनाया जाता है नकली जीरा
नई दिल्ली। अभी तक देश के लोग नकली दवाएं, नकली घी, नकली चावल, नकली सौंदर्य प्रसाधन आदि सामग्रियों के संकट से उबरे भी नहीं थे कि नकली जीरा बाजार में आने की खबर से सभी की नींद उड़ गई है। सब्जी में तड़का लगाकर रौनक बढ़ाने वाला नौरा कहीं आपको अस्पताल के चिस्तर पर ही ना लिटा दे। शाहजहांपुर जिले में इस नकली जीरा को बनाकर देश के सभी बड़े व छोटे बाजारों में उतारने वाले मानवता के दुश्मन इन पांच अपराधियों को शाहनहाँपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
कैसे बनता है नकलीजीरा
पकड़े गये अपराधियों के हवाले से पुलिस ने बताया कि नकली जीरा बनाने के लिए तीन चीजों की जरूरत पड़ती है। सबसे पहले फूल झाड़ बनाने वाली घास और गुड़ का शोरी व स्टोन पाउडर। फुल झाड़ की घास यूपी की नदियों और नहरों के किनारे उगती हैं। इसे नदियों के किनारे से पांच रुपये किलो के हिसाब से खरीद लिया जाता है। इसे झाडू बनाने का पशुओं के लिए बताकर लाया जाना है। इस घास को झाड़ लिया जाता है। इससे जीरे के आकार के फूल गिर नाते हैं। गुड़ को गर्म करके उसका शीरा बनाया जाता है। उसमें उस घास को डाल दिया जाता है। दोनों को मिलाने के बाद फिर उसे सुखागा जाता है। सूखने के बाद इस मुड़ मिली घास को जीरे की शक्ल देने के लिए उसमे स्टोन पाउडर मिलाया जाता है। लोहे की बड़ी छलनी से छाना जाता है, जिससे जीरे के आकार का नकली जीरा छनकर बाहर आ जाता है। इसे फिर सुखाया जाता है।
शाहजहांपुर में ही क्यों बनता है नकली जीरा
नकली जीरे की अधिकांश फैक्ट्री शाहजहांपुर में होनी बताई गई । क्योंकि यहां पर कच्चा माल बहुतायत में पाया जाता है। इस जिले बवाना में नकली जीरे की फैक्ट्री पकड़ी गई है। इस गोरखधंधे में पकड़े गये पांच लोगों में से हरिनंदन को फाइनेंसर बताया गया है और चार काम करने वाले लेबर हैं। नकली जीरा की सप्लाई दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, यूपी के लगभग सभी शहरों में होती थी।
पहले बनाते थेनकली सौंफ, अब बना रहे थे नकली जीरा
अब पकड़े गये हरिनंदन ने पूछताछ दौरान पुलिस को बताया कि उसने पहले माउथ फ्रेशनर में इस्तेमाल करने के लिए फूल झाड़ के फूल से नकली सौंफ बनाते थे नकली सौंफ आसानी से माउथफ्रेशनर में मिक्स हो जाता था और कोई पकड़ भी नहीं पाता था लेकिन उसमें दाम बहुत कम मिलते थे। अधिक पैसे कमाने के लिए नकली सौंफ बनाने के कारोबार को समेटकर इसी फूल झाड़ के फूल से नकली नोरा बनाने का काम शुरू किया था। अब इस काम में अच्छे पैसे मिलते थे।
नकली फैक्ट्री से बरामद हुआ यह सामान
डीसीपी गौरव शर्मा ने बताया कि जांच टीम ने ससरा नंबर-154 गांव पूठखुर्द में छापेमारी कर सभी आरोपियों को नकली नोरा बनाते हुए गिरफ्तार कर लिया और मौके से नकली जीरा और बनाने वाला सामान जब्त कर लिया है। पुलिस ने फैक्ट्री से 19,400 किलो नकली जीरा, 5250 किलो स्टोन पाउडर, 1600 किलो फूल झाड़ की घास, 1225 किलो गुड़ का शोरा बरामद किया है।
नटवरलालों का गढ़ बन रहा है शाहजहांपुर
पहले नकली सौंफ, फिर नकलीजीराहीनही नकली शस्त्र लाइसेस के कारोबर का फूटा है भाडाखुशी का शाहजहांपुर जिल आजकल नकली सफ, नकली जीरा और नकली शस्त्र लाइसेंसको लेकर सुर्खियों में था ही, अब यह कहा जा रहा है कि शहजहांपुरनटवरलालोकागद क्यों बनतजारहा है। नकलीजीराबनाने वाले गिरोह के मास्टरमाइंड सहित पांच लोग गिरफ्तार किये गये हैं. ये गिरोह पहलेयहीशाहजहांपुर में नकली साफ भी बनाता था। इसके अलावा शहजहांपुर सेही नकली शस्त्र बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। इस गिरोह केदो सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। शाहजहांपुर पुलिस ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने वाले सरगनाको चरदबोचा है। इस सरगना को दो साल पहले भी फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाकर असलहा खरीदवनेकैमामले में पकड़ागवद्यालय करीवरह असल्छे पलिसनेजमाकरार थे।इसबार उसीकत के बनेपाव और फर्जी शस्त्रलायसेसपर खरीदे गए असलहा बरामद किए गए हैं। शाहजहांपुर के एसपी एस वनपा ने बताया कि ग्राम महोलिया मुंडी के अमर सिंह को पुलिस ने पकड़ा। सूचना मिली थी कि अमर सिंह के जरिए फर्जी लाइसेंसपर खरीदे गए असलहा बरामद किए जा सकते हैं।अमर सिंह हीव्ह व्यक्ति था, जिसे 2017 में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसने ही करीब 25 फी शस्वलाइसेंसबनवाएये।अमरसिंह ने पुलिसकोबताया कि उसनेलाइसेंसबनवाये थे। उसमे से पहले ही काफी पकड़े जा चुके हैं।
पांच रुपये किलो वाली घास 100 रुपये किलो का बन जाती है जीरा
पुलिस को पकड़े गये अपराधियों ने बताया कि ये घस पाच रुपये किलो खरीदकर लाई जाती है। इस पर दो रुपये किलो की मजदूरीलगजाती है। इसके अलवा गुड़काशीराऔर स्टोन पाउडर का खर्चा आता है। थोक व्यापारियको येनकलीजीरा 20 रुपये सेलेकर60 रुपये किलो तक बेच दिया जत है। जे वह इसको फिर 100 रुपये किलो बेचदेते हैं। कहीं-कहीं तो नकली जीरा को ही असली जीरा मिलकर बेच दिया जाता है।नीतो इसे असली जीरे में मिलाकर बेच दिया जत है। बजार के स्टैंडर्ड से इसे मिलाया जाता है। कहीं-कही तो 8020 के अनुपात से मिलाया जाता है।