डॉक्टर परामर्श
MOT BOT, Occupational Therapist (Neurological Disorders)
Dr. Shakti A Goel, M.B.B.S M.S (Orthopaedics) IASA Spine Fellow (USA) AO Spine Fellow (ISIC New Delhi) Fellowship in Surgical Research (USA)
बच्चों के कमर की बनावटी खराबी (स्कोलियोसिस) में क्या करें
(स्कोलियोसिस) स्कोलियोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसमे कमर की हड्डी मुड़ जाती है। यह बीमारी बच्चों में देखि गई है। पर यह बड़ों में भी हो सकती हैस्कोलियोसिस किस प्रकार के होते हैं? यह जानना जरूरी है की स्कोलियोसिस बच्चपन से है या यह समय के साथ आया है। कहीं किआ बार स्कोलियोसिस बच्चपन से होता है पर उसे तब देखा जाता है जब बच्चा बड़ा हो जाए। स्कोलियोसिस को उम्र और पैथोलॉजी के हिसाब से कंजेनिटल, इन्फैन्टिले , न्यूरोमस्कुलर, डिजनरेटिव आदि में बांटा गया है। हर स्कोलियोसिस का इलाज अलग तरीके से होता है। अपने डॉक्टर को आवशयक दिखाएँ अगर बच्चे के कमर में खराबी
क्या हर स्कोलियोसिस में सर्जरी जरूरी है?
बच्चों के कमर की डेफोर्मिटी को देख कर यह बताया जा सकता है। कई infantile स्कोलियोसिस ब्रेस से भी ठीक हो सकते हैं। जब खराबी 15-20 डिग्री तक हो तो ब्रेस लगा कर कमर सीधी रखी जा सकती है। पर यह जरूरी हैं की काम उम्र में कमर दिखाएँ नहीं तो १२-१३ साल के बाद डेफोर्मिटी हमेशा के लिए भी हो सकती है।
सर्जरी की कब आवशयकता होती है?
जब कमर का करव ४५-५० डिग्री से ज्यादा हो जाए तब सर्जरी अनिवार्या है। जब बच्चे को १३-१४ साल के बाद दिखाया जाए और डेफोर्मिटी ज्यादा हो तो सर्जरी करनी पड़ती है।
सर्जरी में क्या होता है?
डेफोर्मिटी करेक्शन सर्जरी में कमर में स्कोलियोसिस को सीधा किआ जाता है और स्क्रू और रोड से उसे जगह पे रखा जाता है। अगर उम्र अगर उम्र छोटी है तो गरोइथ रोड का भी प्रयाग किआ जा सकता है।
ग्रोथ रोड क्या होता है?
ग्रोथ रोड एक ऐसा ट्रीटमेंट है जिसमे जो रोड कमर में डालते हैं उन्हें मैग्नेट्स के द्वारा बड़ा किआ जा सकता है जब बच्चा बड़ा हो। इसके लिए रिपीट सर्जरी की आवशयकता नहीं होती।
अपने डॉक्टर को जानिये
डॉ शक्ति अमर गोयल एक स्पाइन सर्जन हैं। जिन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली विश्वविद्यालय गुजरात विश्वविद्यालय से कीउन्होंने अपनी स्पाइन सर्जरी फेलोशिप निवेरिसी ऑफ कोलोराडो (अमेरिका) से और इंडियन स्पाइनल इंजरीज सेंटर से की। उनकी रिसर्च फेलोशिप यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन (अमेरिका) से है। वह अपना काम अमेरिकाल में त्याग कर इंडिया आए और उनके नाम पर बोहोत अविष्कार हैं। निशु त्यागी एक ऑक्यूपेशनल थेरेपिस्ट हैंजिन्होंने अपनी पढ़ाई मेरठ यूनिवर्सिटी ८ इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से की है। उनके रिसर्च के कामों को विष ख्याति प्राप्त है और उन्हें बोहोत पुरस्कार भी मिले हैं।
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