कानूनी सलाह

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बैंक नहीं सुनें शिकायत तो ओबड्समैन से करें शिकायत-तुरंत निवारण होगा


भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लोगों को एक बड़ी ताकत दी है। अब ग्राहक प्रीपेड इंस्ट्रमेंट (PPI), ई-वॉलेट और अन्य पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर की शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें ओम्बड्समैन का दरवाजा खटखटाना होगा। देश के 19 शहरों में 21 स्थानों पर ओम्बड्समैन कार्यालय बनाए गए हैं। सभी बैंकों में इन दिनों ग्राहकों की शिकायतें निपटाने की खास व्यवस्था है। यह अलग बात है कि कई ग्राहक इससे संतुष्ट नहीं होते हैं। अगर आप बैंक की शिकायत निपटान प्रक्रिया से असंतुष्ट हैं तो बैंकिंग ओम्बड्समैन का दरवाजा खटखटा सकते हैं। हालांकि, इस तरह की शिकायत से पहले आपको कुछ तौर-तरीकों को अपनाना पड़ेगा। यहां हम उनके बारे में बता रहे हैं।


शिकायत का आधार क्या है?


डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ शिकायत के कुछ कारण होने चाहिए। इनमें- गैर-कानूनी इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर, बैंक खाते में पैसों को ट्रांसफर करने में विफलता, उचित समय के अंदर फंड लोड न होना, ट्रांजेक्शन फेल होने पर आपके पैसों को रीफंड करने में विफलता इत्यादि शामिल हैं।


कैसे दर्ज करें शिकायत डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर के खिलाफ ?


डिजिटल पेमेंट सेवा प्रदाता की शिकायत निपटान प्रणाली से कम्प्लेंट का संतोषजनक निपटान न होने पर आप ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जिस ओम्बड्समैन के क्षेत्राधिकार में सेवा प्रदाता का कार्यालय आता है, इसे वहीं दर्ज कराना चाहिए। ओम्बड्समैन कार्यालय जाकर शिकायत दर्ज कराने से अच्छा है कि यह काम ऑनलाइन किया जाए। आरबीआई की वेबसाइट पर ओम्बड्समैन कार्यालय की ईमेल आईडी की सूची उपलब्ध है। निजी ब्योरे साथ इसमें आपको पूरा मामला बताना होगा। इसके समर्थन में दस्तावेज भी देने होंगे।


कैसे दर्ज करें शिकायत अगर आप बैंक की शिकायत निपटान प्रक्रिया से असंतुष्ट हैं?


पहला कदम : बैंक ओम्बड्समैन (बीओ) कार्यालय की जगह पहले अपने बैंक के पास शिकायत दर्ज करें। दूसरा कदम : यदि बैंक से आपको 30 दिनों के भीतर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलती है या आप उसके जवाब से असंतुष्ट हैं तो ओम्बड्समैन के पास संपर्क किया जा सकता है। बैंक से जवाब  मिलने के एक साल के भीतर इस तरह की शिकायत करनी होगी। शिकायत करनी होगी।


तीसरा कदम : उसी बैंकिंग ओम्बड्समैन के पास शिकायत दर्ज करें जिसके क्षेत्राधिकार में ब्रांच या बैंक का ऑफिस आता है। कार्ड या केंद्रीय ऑपरेशनों से जुड़ी शिकायतों के लिए आपके बिलिंग एड्रेस से बैंकिंग ओम्बड्समैन का अधिकार क्षेत्र तय होगा। अधिकार क्षेत्र तय होगा।


चौथा कदम : लिखित शिकायत के लिए www.bankingombudsman.rbi.or g.in पर उपलब्ध फॉर्म को डाउनलोड कर उसे पूरा भरें। इसमें नाम, पता, शिकायत से जुड़ी जानकारी देनी होगी।


 पांचवां कदम : कम्प्लेंट फॉर्म के साथ अपने पक्ष में दस्तावेज जमा करें।


 छठा कदम : आप इस लिंक की मदद से ऑनलाइन भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। https://secweb.rbi.org.in/BO/precompltindex.htm


 सातवां कदम : बैंकिंग ओम्बड्समैन आपके केस की जांच करेंगे। वे आपसी बातचीत के जरिए बैंक और ग्राहक में सुलह कराने की कोशिश करते हैं। मामले में आदेश भी सुनाया जा सकता है।


 आठवां कदम : यदि आप ओम्बड्समैन के आदेश से संतुष्ट नहीं हैं तो कंज्यूमर कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।खटखटा सकते हैं।


 क्या है ध्यान देने वाली बात?


किसी फ्रॉड की जिम्मेदारी बैंक पर डालने के लिए आपको तीन दिन के भीतर अनधिकृत लेनदेन की जानकारी देनी होगी। संदिग्ध ट्रांजेक्शन की जानकारी तीन दिन के बाद और सात दिनों के भीतर देने पर देनदारी की सीमा 25,000 रुपये तय हो जाती है। इसके बाद देनदारी बैंक के विवेकाधिकार पर निर्भर करती है।


सभी दस्तावेजों और सबूतों का रिकॉर्ड बनाए रखना चाहिए। इससे आपको हजार्ना पाने में आसानी हो सकती है।


यदि आपने किसी अन्य फोरम में पहले से ही शिकायत कर रखी है तो ओम्बड्समैन उसकी सुनवाई नहीं करेगा।


 साथ ही अगर शिकायत का आधार सही नहीं है तो भी इस पर कार्यवाही नहीं होगी। ।


आपकी ओर से देरी होने पर मामला बिगड़ सकता है। इसलिए पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर से जवाब मिलने के एक साल के भीतर ओम्बड्समैने से शिकायत कर दी जानी 


भूवी गर्ग, (एडवोकेट), उच्चतम न्यायालय Mob. No. 9910800554, Adv.bhuvigarg@gmail.com