निजी स्कूलों की मनमानी टोकने के लिए गठित जिला शुल्क नियामक कमेटी पर लगा सवालिया निशान
-परमार्थ संदेशगाजियाबाद। निजी स्कूलों की मनमानी पर निगाह रखने के लिए जिला शुल्क नियामक कमेटी का गठन किया गया था। जिस पर गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन ने कमेटी पर सवालिया निशान लगाते हुए आरोप लगाया है कि कमेटी का गठन फीस अधिनियम 2018 के नियमों को ताक पर रख कर किया गया है। गाजियाबाद पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी ने बताया कि फीस अधिनियम 2018 के अनुसार इस तरह की कमेटी में केवल सात सदस्यों को ही मनोनीत किया जा सकता है। जबकि गठित की गई कमेटी में 13 सदस्य शामिल किए गए हैं। गठित की गई कमेटी में 13 सदस्य शामिल किए गए हैगठित की गई कमेटी में निजी स्कूल वालों का ही वर्चस्व हैनियमानुसार कमेटी में एक सदस्य सरकार द्वारा वित्त पोषित स्कूल के प्रधानाचार्य को बनाया जाना था लेकिन उनके स्थान पर निजी स्कूल के प्रधानाचार्य को बना दिया गया है। सीमा त्यागी ने कहा कि कमेटी एक तरफ तो निर्णय देती है कि निजी स्कूलों में वार्षिक शुल्क नहीं लिया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ स्वयं ही अपने स्कूल में वार्षिक शुल्क, विकास शुल्क एयरकंडीशन चार्ज को मंथली फीस में जोड़ देते है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में एक-एक लाख रुपये को मामूली जुर्माना लगाया गया है। उनसे कमेटी आज तक भी जुर्माना नहीं वसूल पाई है। उन्होंने कमेटी का गठन निष्पक्ष करने की मांग की है।