अब आया है ऊंट पहाड़ के नीचे

 


आजम खां प्रकरण है ऊंट पहाड़


]अब आया है ऊंट पहाड़ के नीचे


रामपुर से सांसद व सरकारी भूमाफिया घोषित आजम खां पहली बार बुरी तरह घिर गये हैं। आज लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष होगी पेशी माफी न मांगने पर निलंबन लगभग तय


रामपुर। सरकारी घोषित भूमाफियां, विवादित बयानों के सदैव चर्चित सांसद आजम खां, अब लोकसभा की सभापति का अपमान करने पर बुरी तरह फंसे।पूर्व में उत्तर प्रदेश की सपा सरकार में प्रदेश के कद्दावर मंत्री रहे तथा वर्तमान में रामपुर से सांसद मौ. आजम खां का शुरू से ही विवादों से नाता रहा है। रामपुर में तैनात सभी विभागों के अधिकारी व कर्मचारी भी इनके अशोभनीय व असहनीय व्यवहार के कारण इनसे त्रस्त है कि वे इनका नाम सुनकर भी थर्रा उठते थे। सरकारी भूमाफिया तो रामपुर प्रशासन में इन्हें इसी हफ्ते घोषित लेकिन उससे पहले भी अनेक विवादित बयानों के लिये अपनी पहचान बना चुके हैं। आजम खां ने पहला भड़काऊ व विवादित बयान उन दिनों दिया जब 1992-93 में राम जन्म भूमि विवाद पूरी तरह से गर्म था। उस समय उन्होनें भारत मां को डायन कहा था। जिसको लेकर पूरे देश में भूचाल आ गया था। उनका जब इस बयान पर कुछ नहीं बिगड़ा तो इनका साहस बढ़ता चला गया। रामपुर में चर्चा है कि जो सरकारी अधिकारी उनके प्रदेश मंत्री रहते हुये उनकी मनमर्जी का काम नहीं करता था या इनके क्षेत्र का कोई भी समर्थक उसकी इन मंत्री जी से शिकायत कर देता था तो सरकारी अधिकारी को अपनी कोठी पर बुलाकर, मुर्गा बनाने पर मजबूर कर देते थे तथा कई बड़े अधिकारियों के शरीर से तो भरी पब्लिक में इन्होंने सारे कपड़े तक उतरवा लिये थे। इस वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी जयप्रदा के प्रति इतनी भद्दी टिप्पणी की थी जिसकी पूरे देश में निंदा हुई थीचुनाव आयोग में इनके विरूद्ध मुकदमा दर्ज हो गया, इनका उस केस में चुनाव आयोग द्वारा कुछ नहीं बिगड़ सका, उल्टा ये लोकसभा चुनाव जीत गये इससे इनका साहस और बढ़ता चला गया। इन्होंने देश की लोकसभा को भी प्रदेश की सपा सरकार की विधान सभ मानते हुये अपने व्यवहार में तनिक सा भी परिवर्तन नहीं किया यही इनकी सबसे बड़ी भूल रही। इन्हें नहीं मालूम था कि ये देश की संसद है। तथा यहां का सभापति ओम बिड़ला है जो सख्त अनुशासन के लिये जाने जाते हैं। सांसद आजम खां पर मुसीबत चारों तरफ से एक साथ ही आ गई है इन्होंने जौहर यूनिवर्सिटी बनाने के लिये जिन किसानों की जबरन जमीन अपने मंत्री पद की धाक जमाते हुये हथिया ली थी। अब उन सभी 27 किसानों ने इनके विरूद्ध एफ.आई.आर दर्ज करा दी। तथा लोक निर्माण विभाग की सरकारी जमीन को भी आजम खां ने यूनिवर्सिटी में मिला लिया। उन सभी से इनको बेदखल करने का नोटिस करके सरकार ने सांसद रहते हुये दिया तथा इन्हें सरकारी भूमाफिया घोषित कर दिया है। ये देश के इतिहास में पहली घटना होगी जिसमें देश के सबसे उच्च पंचायत के लिये जनता द्वारा चुने गये माननीय सांसद को उनके गृह जनपद के जिला प्रशासन द्वारा सरकारी भूमाफिया घोषित कर दिया गया। लोग कह रहे है कि अब तक जनता, किसानों व सरकारी कर्मचारियों पर अपनी धाक जमाने वाला सांसद आजम खां आखिर फंस ही गयादेखते हैं अब लोकसभा अध्यक्ष क्या फैसला लेते हैंइसे कहते हैं अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे।