दुत्कार व मार से कुत्ते हो गये आदमखोट भीषण गर्मी में पीने का पानी नहीं मिलने से भी कुत्ते हो रहे हैं चिड़चिड़े
सहारनपुर में आदमखोर । कुत्तों की वजह से दहशत का माहौल, पी.ए.सी कर रही है गश्त
गाजियाबाद। सदियों से आदमी व कुत्तों का साथ रहा है। कुत्ते आदमी का सबसे वफादार माना जाता है। पहले हर घर में पहली रोटी गाय व आखिरी रोटी कुत्ते की बनाई जाती थी। गलियों के कुत्ते घरों में बनी एक-एक रोटी खाकर मस्त रहते थे और पूरी गली व मौहल्ले की रखवाली करते थे। लेकिन आज हालात एक दम बदल गये हैं। कुछ पुराने संस्कार वाले घरों को छोड़कर, कोई भी गली के कुत्तों को रोटी डालना पसंद नहीं करता है। यदि कोई भूखा कुत्ता किसी घर के दरवाजे पर आकर खड़ा भी हो जाये तो उसे दुत्कार या मार कर भगा दिया जाता है। आदमी के इस बर्ताव से कुत्ते भी खूखार हो गये हैं और जब भी मौका मिलता है वे आदमी पर हमलावर हो जाता है। अभी हाल ही में कुत्तों ने दो बच्चों समेत 5 लोगों को काट कर मौत के घाट उतार दिया है। कुत्तों के हमलावर होने का, दूसरा कारण भीषण गर्मी में पानी न मिलना भी है। पहले एक तो घरों के बाहर नाली खुली होती थी दूसरा ज्यादातर लोग कुत्ते, बिल्लियों व गायों के लिये अपने घरों के बाहर पानी भर कर रखते थे। आज जब भीषण गर्मी का पारा 48-49 डिग्री पहुंच रहा है तब आदमी को मिनट में पानी न मिले तो वह व्याकुल हो जाता है जबकि वह आदमी पंखे, कूलर या ए.सी. में रहता है वही भीषण गर्मी में अगर इन पशुओं को पानी भी पीने को न मिले तो क्या ये बेचारे हमलावर व चिड़चिड़े भी नहीं होंगे। ग्रामीण इन भूखेकुत्तों को रोटी देने के बजाये इनको मारने पर उतारू हो रहे हैं। दो दिन पूर्व बिजनौर मे खेतों की तरफ जा रहे एक मंदबुद्धी युवक पर कुत्तों ने हमला बोल दिया। युवक बच कर भागने लगा तो कुत्तों ने उसे जमीन पर गिरा दिया। तथा उसे नोच-नोच कर मौत के घाट उतार दिया। शोर सुनकर आये ग्रामीणों ने जैसे तैसे कुत्तों को भगाया। लेकिन जब तक कुत्ते उसके शरीर के काफी हिस्से को खा चुके थेइसी तरह सहारनपुर के दयालपुर गांव में 6 दिन पूर्व आवारा कुत्तों ने रजनीश के तीन मॉह के बेटे अभिमन्यु को उस समय खाट से उठा लिया जब वह अपनी मां के पास घर के आंगन में सो रहा था। कुत्तों ने ईख के खेत में लेजाकर मासूम को खा डाला। इसी गांव में शुक्रवार को भी आवारा कुत्तों ने ओमकरण के 28 दिन के मासूम बच्चे को मौत के घाट उतार दिया। इन घटनाओं से पूरे गांव में दहशत फैली हुई है। गांव में पी.ए.सी को तैनात कर दिया गया है। हमीरपुर में भी कुत्तों ने काट-काट कर दो महिलाओं की जान ले ली है। आदमियों के डर से कुत्तों ने जंगल में पनाह ले रखी है और ये रात में चुपचाप गांव में आकर लोगों पर हमला कर रहे हैं। कुत्तों के द्वारा आदमियों पर किये जा रहे हमले चिंता का सबब है। लेकिन इसके लिये काफी हद तक इंसान ही जिम्मेदार है। भूखा मरता क्या नहीं करता मशहूर कहावत है यदि लोग कुत्तों को पहले की तरह एक-एक रोटी देने लगे तो ये कुत्ते उसे अपना दुश्मन समझने की बजाये हमदर्द समझने लगेंगे।