अनुच्छेद 370 के बाद
15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी ने जनसंख्या विस्फोट पर जताई थी चिंता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नियंत्रण कानून बनाने की सिफारिश ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस की थी। पर लाल किले से जनसंख्या संबंधित आयोग में सुप्रीम कोर्ट विस्फोट पर चिंता जताई तो अब के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस भविष्य में सरकार की ओर से वेंकटचलैया इसके अध्यक्ष तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने की जस्टिस सरकारिया, जस्टिस जीवन अटकलें लगने लगी हैं। इन रेड्डी और जस्टिस पुन्नैया इसके अटकलों को शुक्रवार को और बल सदस्य थे। पूर्व अटॉर्नी जनरल मिला, जब जनसंख्या नियंत्रण केशव परासरन तथा सोली सोराब, कानून के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में लोकसभा के महासचिव सुभाष याचिका दायर कर चुके बीजेपी नेता कश्यप, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष अश्विनी उपाध्याय प्रजेंटेशन देने के संगमा, सांसद सुमित्रा, वरिष्ठ लिए प्रधानमंत्री कार्यालय पहुंचे। पत्रकार सीआर ईरानी और उन्होंने पीएमओ में लंबा-चौड़ा अमेरिका में भारत के राजदूत रहे प्रजेंटेशन भी दिया। वरिष्ट नौकरशाह आबिद हुसैन भी जनसंख्या विस्फोट देश व इस आयोग के सदस्य थे। समाज के लिये नासूर बन गया है। वेंकटचलैया आयोग ने 31 मार्च अब जल्दी ही मोदी सरकार 2002 को अपनी रिपोर्ट केंद्र अनुच्छेद 370 के खात्में की तरह सरकार को सौंपी था। इसी आयोग कभी भी जनसंख्या नियंत्रण कानून के सुझाव पर मनरेगा, राईट टू बिल संसद में ला सकती है। एजुकेशन, राईट टू इनफार्मेशन और अश्विनी उपाध्याय ने प्रजेंटेशन में राईट टू फूड जैसे महत्वपूर्ण कानून कहा कि अटल बिहारी सरकार की बनाये गए लेकिन जनसंख्या ओर से 2000 में गठित नियंत्रण कानून पर संसद में चर्चा भी वेंकटचलैया आयोग ने जनसंख्या नहीं हुयीनिकल राम ने दिया था
भगवान राम ने दिया थाहम दो हमारे दो का संदेश
बीजेपी नेता अश्निनी उपाध्याय ने पीएमओ को दिए प्रजेंटेशन में कहा है कि टैक्स देने वाले हम दो-हमारे दो नियम का पालन करते हैं लेकिन मुफ्त में रोटी कपड़ा मकान और अन्य सरकारी लाभ लेने वाले जनसंख्या विस्फोट कर रहे हैं। हजारों साल पहले भगवान राम ने हम दो-हमारे दो नियम की शुरूआत किया था और आम जनता को संदेश देने के लिए लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न सहित स्वयं 'हम दो-हमारे दो' नियम का पालन किया था, जबकि उस समय जनसंख्या विस्फोट की समस्या इतनी खतरनाक नहीं थी। सभी राजनीतिक दल स्वीकार करते हैं कि जनसंख्या विस्फोट वर्तमान समय में बम विस्फोट से अधिक खतरनाक है।
डेढ़ सौ करोड़ हुई देश की जनसंख्या
डेढ़ सौ करोड़ बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने गुरुवार को दिए अपने चार पेज के प्रजेंटेशन में कहा कि मौजूदा समय 124 करोड़ भारतीयों के पास आधार कार्ड है। लगभग 20 प्रतिशत नागरिक (विशेष रूप से बच्चे) बिना आधार कार्ड के हैं तथा 5 करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं। इससे स्पष्ट है कि हमारे देश की जनसंख्या 135 करोड़ नहीं बल्कि 150 करोड़ से ज्यादा है और हम चीन से आगे निकल चुके हैं। यदि संसाधनों की बात करें तो हमारे पास कृषि योग्य भूमि दुनिया की लगभग 2प्रतिशत और पीने योग्य पानी 4 प्रतिशत है दो करोड़ को लेकिन जनसंख्या 20 प्रतिशत है। यदि चीन से तुलना करें तो क्षेत्रफल चीन का लगभग एक तिहाई है लेकिन जनसंख्या वृद्धि की दर चीन की तीन गुना है। चीन में प्रति मिनट 11 बच्चे और भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं। 1947 में आजादी के समय भारत की आबादी कुल 33 करोड़ थी।
दो करोड़ को जब तक घर देंगे, तब तक 10 करोड़ बेघर पैदा हो जायेंगे
तक 10 करोड़ देश में जब तक 2 करोड़ बेघरों को घर दिया जायेगा तब तक 10 करोड़ बेघर और पैदा हो जाएंगे। इसलिए एक नया कानून ड्राफ्ट करने में समय खराब करने की बजाय चीन के जनसंख्या नियंत्रण कानून की तर्ज पर संसद में कानून पेश करना चाहिए। जो व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करे उसका राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता, बिजली कनेक्शन और मोबाइल कनेक्शन बंद होना चाहिए। इसके साथ ही जनसंख्या नियंत्रण कानून तोड़ने वालों पर सरकारी नौकरी और चुनाव लड़ने तथा राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने पर भी आजीवन प्रतिबंध होना चाहिए। ऐसे लोगों को सरकारी स्कूल, हॉस्पिटल सहित अन्य सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित करना चाहिये और 10 साल के कनेक्शन लिए जेल भेजना चाहिए। तभी ही जनसंख्या वृद्धि पर प्रभावी नियंत्रण तोड़ने लग पायेगा।
वेंकटचलैया आयोग ने सुझाया था ये फॉमूर्ला
वेंकटचलैया आयोग ने सुझाया था ये फॉमूर्ला बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने शुक्रवार की सुबह पीएमओ में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर प्रजेंटेशन दिया। उन्होंने इस कानून की जरूरत के पीछे कई तर्क दिए। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में 11 सदस्यीय संविधान समीक्षा आयोग (वेंकटचलैया आयोग) ने 2 वर्ष की मेहनत के बाद संविधान में आर्टिकल 47अ जोड़ने और जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था जिसे आजतक लागू नहीं किया गया। अब तक 125 बार संविधान संशोधन हो चुका है, कई बार सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी बदला जा चुका है। सैकड़ों नए कानून बनाये गए लेकिन देश के लिए सबसे ज्यादा जरूरी जनसंख्या नियंत्रण कानून नहीं बनाया गया, जबकि 'हम दो-हमारे दो' कानून से देश की 50% समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
जनसंख्या की वजह से बढ़ रहा है, प्रदूषण
2 दिसंबर को राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाया जाता हैं और प्रदूषण नियंत्रण को लेकर पिछले 5 साल में बहुत से प्रयास भी किये गये हैं लेकिन जनसख्या विस्फोट के कारण वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है और इसका मूल कारण भी जनसंख्या विस्फोट है इसलिए चीन की तर्ज पर एक कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून के बिना स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत अभियान का शत-प्रतिशत सफल होना मुश्किल ही नहीं नामुनकिन है।
देश की 50 फीसदी समस्याओं के पीछे जनसंख्या विस्फोट
देश में मौजूद जल जंगल जमीन, रोटी कपड़ा मकान और गरीबी बेरोजगारी भुखमरी आदि समस्याओं की जड़ जनसंख्या विस्फोट है। टेम्पो बस और रेल में भीड़, थाना तहसील और जेल में भीड़ तथा डिस्ट्रिक्ट कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भीड़ का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है। चोरी डकैती झपटमारी घरेलू हिंसा तथा महिलाओं पर शारीरिक मानसिक अत्याचार ही नहीं बल्कि अलगाववाद कट्टरवाद और पत्थरबाजी का मूल कारण भी जनसंख्या विस्फोट है। चोर डकैत झपटमार बलात्कारियों और भाड़े के हत्यारों पर सर्वे करने से पता चलता है कि 80% से अधिक अपराधी ऐसे हैं जिनके मां-बाप ने 'हम दो-हमारे दो' नियम का पालन नहीं किया। इससे स्पष्ट है कि भारत की 50% से अधिक समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है।