चाइनीज मांझा विक्रेतओं पर हो ठौर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज

चाइनीज मांझा विक्रेतओं पर हो ठौर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज


गाजियाबादपतंगबाजों में चाइनीज मांझों का क्रेज बढ़ रहा है। इसकी बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद न केवल इसकी धड़ल्लें विक्रेतओं पर अब भी है। पर हो ठौर और से बिक्री हो रही है, बल्कि अब इसका निर्माण भी महानगर में हो रहा है। चाइनीज मांझों की चपेट में आकर अब ___ तक बड़ी संख्या में बेजुबान पशु पंक्षी ही नहीं इंसान भी भी अपनी जान गंवा चुके वजह से हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन व पुलिस चाइनीज मांझा बनाने व बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है। इसकी वजह से महानगर के साथ- गांव व कस्बों में भी इसकी धड़ल्ले से हो रही है। सावन के मौसम में पतंग और मौत ठौर इरादतन चाईनीज मांझे का कनेक्शन लोगों की जिंदगी छीन रहा है। एक महीने में 20 से अधिक मामले गाजियाबाद में सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद अफसरों की नींद नहीं टूट रही है। ये हाल तब है जब पिछले छह महीने से मांझे को गाजियाबाद में बैन किया हुआ है। तीन दिन पूर्व दिल्ली और गाजियाबाद में भी चाईनीज मांझे की वजह से तीन मासूमों की मौत हो गई। विजय नगर थानाक्षेत्र के बाईपास पर कृष्णा नगर मकान नंबर 520 में राजा परिवार के साथ रहते हैं। उन्होंने बताया कि वह बाइक से जा रहे थे और उनका पांच वर्षीय पुत्र आर्यन आगे बैठा हुआ था। इसी दौरान मांझे से उनके पुत्र की गर्दन कट गई। लहूलुहान स्थिति में उसे अस्पताल पहुंचाया गया। उन्होंने बताया कि आर्यन की गर्दन में करीब दो दर्जन टांके आए हैं। इसी तरीके से ठाकुरद्वारा इरादतन हत्या फ्लाईओवर के पास 20 -25 दिन पहले प्रॉपर्टी डीलर योगेश शर्मा, निवासी आजाद मंडी, मौजपुर, दिल्ली भी चाईनीज मांझे का शिकार हुआ थे। हादसे के वक्त वह बाइक पर सिकंदराबाद से दिल्ली जा रहे थे। घंटाघर के पास ठाकुरद्वारा फ्लाईओवर पर पहुंचे तो अचानक पतंग का मांझा आकर उनकी गर्दन पर लिपट गया। वह हेलमेट पहने हुए थे। उन्होंने मांझे को गर्दन से निकालने की कोशिश की, लेकिन हेलमेट पहने होने की वजह से वह असफल रहा। बैन है चाइनीज मांझा जिले में चाइनीज मांझे पर दो साल से बैन लगा हुआ है। इसके बावजूद इसकी धडल्ले से बिक्री हो रही है। दो साल पहले इसकी बिक्री पर बैन लगाया गया था। चाइनीज मांझे से गाजियाबाद से पहले दिल्ली, का मुकदमा मुरादाबाद, जयपुर आदि जगह हादसे हो चुके हैं। चाइनीज मांझे में होता है प्लास्टिक जो बरसात में नहीं गलता है पतंग कारोबारी बताते हैं कि चाइनीज मांझे में प्लास्टिक होता है। इस वजह से यह आसानी से टूटता नहीं है। इसमें चाकू से भी तेज धार भी होती है। वैसे बाजार में मिलने वाले सभी मांझे घातक होते हैं, लेकिन इनमें चाइनीज मांझा सबसे खतरनाक साबित होता है। करीब छह साल पहले यह मांझा भारत में आया था। लोग इसलिए भी इसे ज्यादा पसंद करते हैं, क्योंकि यह बारिश के दौरान भी खराब नहीं होता है। मांझे से पक्षी ज्यादा शिकार होते हैं। मौत का सामान मुकदमा दर्ज मालीवड़ा चौक पर एक पतंग विक्रेता ने बताया कि वाले ने बताया कि ये चाईनीज मांझा अब चीन में नहीं बल्कि चायनीज तकनीक से भारत में ही बनाया जा रहा है। बैन लगने के बाद इसे भारत में ही लोगों ने बनाना शुरू कर दिया है। बाकी इसकी बिक्री भी अधिक है। यह आसानी से टूटता नहीं है और इसमें कांच ज्यादा होती है इसलिए लोग इसे ज्यादा पसंद करते हैं। चाईनीज मांझे को विशेष तौर पर तैयार किया जाता है। चाईनीज मांझे को बनाने में कुल पांच प्रकार की केमिकल और अन्य धातुओं का प्रयोग किया जाता है। इनमें सीसा, वजरम नामक औद्योगिक गौंद, मैदा फलौर, एल्युमीनियम ऑक्साइड और जिरकोनिया ऑक्साइड का प्रयोग होता है। इन सभी चीजों के मिक्स होने पर तेज धार वाला चाईनीज मांझा तैयार होता है।