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पीएम इस बार लाल चौक पर फहरा सकते हैं तिरंगा?


 लाल चौक पर तिरंगा फहराने की हो रही है जोरदार चच, गृहमंत्री अमित शाह द्वारा मैराथन बैठके शुरू, तीन दिन बाद पहुंचेंगे कभीर


 • स्वतंत्रता दिवस पर जो छीनते थे दूसरों का चैन, वो सभी नेता आज हैं बैचेन


लाल चौक पर तिरंगा झंड़ा फहरा कर इतिहास रच देंगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी


नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने पिछले कार्यकाल में नोटबंदी व जीएसटी जैसे दो बड़े धमाके किये थे। अपने दूसरे कार्यकाल में तीन तलाक बिल पास कराने के बाद अब 15 अगस्त को कश्मीर के लाल चौक पर तिरंगा झंडा फहरा कर इतिहास रचने का कारनामा कर सकते हैं। इसके लिये अन्दर खाने पूरी तैयारियां की जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल व श्रल सेना अध्यक्ष विपिन रावत इन तैयारियों का जायजा लेने के लिये कश्मीर का दौरा कर रहे हैं। पहले 15 अगस्त के आसपास आंतकी व कश्मीर के अलगाववादी नेता धमकियां देकर पूरे देश के लोगों का सुख चैन छीन लिया करते थे। लेकिन इस बार सारा मामला उलट गया है। घटी में अलगावादी नेता व उनके गुर्गे अतिकियों की बोलती बंद है। सेना सीमा में घुसने वाले आंतकियों को जिस तरह चुन चुन कर मार रही हैं इससे वहां माहौल पूरी तरह से वदला हुआ है। महबूबा मुफ्ती पूरी रात कश्मीर के नेताओं को इक्टा करके मीटिंग कर रही हैं। लिए, इस समय प्राथमिकता पूरी तरह अलग है। इस समय उसकी चिंता राशन, दवाइयां, खाद्य तेल, नमक, चाय, दालें और सब्जियां इकट्ठा करना है। शीर्ष सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा बलों को घाटी में शिकंजा कसने के लिए अगले 24 घंटों में तैयार रहने के लिए कहा गया है। एक सरकारी सूत्र ने कहा कि सरकार ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को घाटी से निकलने के लिए 72 घंटों का समय दिया है। घाटी में शिकंजा कसने की खबरें फैलने के बाद एटीएम स्टोरों और पेट्रॉल पंपों पर भीड़ उमड़ आई हैं। कश्मीर के लोग दहशत में हैं कि कुछ बड़ा होने वाला है। इस गीर, जो यह कहते थे कि इस राज्य के विशेष दर्जे को बदलने के विचार बारूद से खेलने के बराबर हैं, वे भी चकित हैं। राज्य प्रशासन और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर अभ्यास करने के बीच कश्मीरियों ने लंबे समय तक कफ्यू लगे रहने की आशंका के कारण जरूरी सामान जुटाने व अन्य नैसरियों में लगे हैं।


नरेन्द्र मोदी ने 28 साल पहले भी मुरली मनोहर जोशी के साथ लाल चौक पर फहराया था, तिरंगा झंड़ा श्रीनगर के लालचौक पर 28 साल पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के साथ वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तिरंगा फहराया था। मोदी उस वक्त वह जोशी की उस टीम के सदस्य थे जो घनघोर आतंकवाद के उस दौर में श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने पहुंची थी। हालांकि इसके बाद बीते 28 सालों में लालचौक पर तिरंगा नहीं फहराया जा सका। 1992 में सियासत के केंद्र में था लालचौक 1992 में लालचौक पर पहली बार कश्मीर में अलगाववादियों, आतंकियों और मुख्यधारा की सियासत करने वाले राजनीतिक दलों, राष्ट्रवादियों और सुरक्षाबलों के लिए पहली बार प्रतिष्ठा का सवाल बना था। भारतीय जनता पटीं ने कन्याकुमारी से एकता यात्रा शुरू करते हुए 26 जनवरी 1992 को उसे लालचौक में तिरंगा फहराते हुए संपन्न करने का एलान किया था। भाजपा के इस एलान के बाद पूरी रियासत में स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण हो गई थी। कश्मीर में स्थिति विस्फोटक थी। आतंकी और अलगाववादियों ने खुले आम एलान किया था कि तिरंगा नहीं फहराने दिया जाएगा। भाजपा को एकता यात्रा पूरी होने से पहले ही आतंकियों ने पुलिस मुख्यालय में ग्रेनेड धमाका किया था, जिसमें तत्कालीन पुलिस महानिदेशक जेएन सक्सेना जख्मी हुए थे। लेकिन आज मोदी ने माहौल को काफी बदल दिया है और कश्मीर घाटी में जैसी तैयारियां है उससे लगता है कि 15 अगस्त को नरेन्द्र मोदी लाल चौक पर झंड़ा फहराकर इतिहास रच सकते हैं। कश्मीर में सैनिकों के जमावाड़े को देख कर पाकिस्तान ने भी खामोशी अख्तियार कर ली है।


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