करदीखत्म 370 , बिना खड़ग बिना ढाल साबरमति के पूतो तुमने कर दिखाया कमाल
राहुल गांधी समेत सभी दूसरे आठ विपक्षी दल चाहते हैं घाटी में खून खराबा
पाकिस्तान को पूरी दुनिया का कोई मुल्क नहीं कर रहा है
सपोर्ट, लेकिन राहुल मिला रहे हैं इमरान के सुर में सुर
नई दिल्ली। हम सभी देश भक्ति का ये गीत सुनते आये हैं। दे दी तूने आजादी बिना खड़क बिना ढाल, साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल। आजादी को वो दौर तो हमने देखा नही। गुजरात के पोरबन्दर में जन्में महात्मा गांधी से अहिंसक आंदोलनों से डर कर अंग्रेजों को भारत को गुलामी से आजाद करना पड़ा। यह गाना आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह पर भी आजादी के 72 वर्ष बाद फिर एक बार चरितार्थ हुआ है। गुजरात जहां सावरमति नदी बहती है उसी गुजरात राज्य के इन दोनों लोगों ने कश्मीर से धारा 370 हटाने की जो अनूठी योजना बनाकर अमल में लाई गई। उससे धारा 370 हटने के 20 दिन वाद तक उस घाटी में एक गोली चलाने की भी पुलिस को जरूरत महसूस नहीं की गई। जिस घाटी में आतंकवादी को भारतीय फौजों द्वारा मार दिये जाने पर उन पर चारों तरफ पत्थरों की बोछारें होती थी आज शांति है। धारा 370 हटने का सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान तो है, वहीं कांग्रेस पार्टी को लगता है। पाकिस्तान से कही ज्यादा नुकसान कांग्रेस को भी है। तभी कांग्रेस के कई नेता भी स्यापा कर रहे है। इनको पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा कश्मीर में निर्दोष नागरिको का बहाया जा रहा खून शायद ज्यादा अच्छा लग रहा था। ये नहीं चाहते कि कश्मीर में शांति रहे ताकि वो भी विकास के रास्ते पर आगे बढ़ सके। धारा 370 के तहत कश्मीर को जो विशेष दर्जा दिया गया था। उसका सबसे ज्यादा फायदा, शेख अब्दुला मुफ्ती व गुलाम नबी AN आजाद ही उठा रहे थे। इसलिए धारा 370 हटने पर सबसे ज्यादा झटका इनको ही लगा है। इसलिए ये विलाप कर रहे हैं। और कांग्रेस हाईकमान पूरी तरह से गुलाम नबी आजाद के चंगुल में फंसी हुई है। इसलिए धारा 370 का विरोध कर एक तरह से खुदकुशी करने पर उतारन है। कांग्रेस के कुछ विवेकशील नेता जिनमें जयराम रमेश, शशि परूर भूपेंद्र हुड्डा, ज्योति रादित्य सिंघिया प्रमुख हैं। इन्होंने धारा 370 खत्म किये जाने का समर्थन किया AN इसलिए है। इससे कांग्रेस दो घड़ो में बंट गई ज्यादा हैं। कांग्रेस पार्टी का सत्यानाश कर ये चुके। राहुल गांधी अब भी सबक कांग्रेस लेने को तैयार नहीं है। और शनिवार नबी को भी विपक्षी दलों के कुछ नेताओं । को साथ लेकर श्रीनगर जा पहूंचें कर ताकि वहां बुझ रही चिंगारी को आग पर देकर फिर भड़का सकें। लेकिन गुजरात के संत अब ऐसा कभी नहीं विवेकशील होने देंगे। और इस नाटक मंडली शशि को श्रीनगर हवाई अड्डे से अपना रादित्य सा मुंह लेकर वापस लौटना पड़ा। 370 मुस्लिम देश भी धारा 370 हटने के किया मामले में पाकिस्तान का साथ नहीं दे रहे हैं। लेकिन कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद ओर उनकी नाटक मंडली अब भी पाकिस्तान के सुर में सुर मिला रहे है। लेकिन गुजरात के इन दो संतो के सामने उनकी एक नहीं चल पा रही है। ओर कश्मीर में अब हालात धीरे-धीरे सामान्य होते जा रहे हैं। धारा 370 हटने से वहां के नागरिक खुश है। लेकिन कांग्रेस पार्टी को उनकी ये खुशी बर्दाश्त नहीं हो पा रही है।
योजनाबद्ध तरीके से हटाई गई धारा 370
हटाई गई धारा 370 AN प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर से के पास भिजवा दिया और फिर धारा 370 हटाने की योजना बहुत जम्मू कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था पहले ही बना ली थी। इसलिये चाक चौबंद कर राज्य सभा में भाजपा ने महबूबा मुफ्ति के साथ धारा 370 खत्म करने का ऐलान मिलकर जम्मू कश्मीर में सरकार कर दिया। इससे विपक्षी दल के बनाई थी। तब सबकों बड़ा नेता भी स्तब्ध रह गये और फिर अजीब लग रहा था। योजना के बड़ी सूझ बूझ भरी रणनीति के तहम बाद में समर्थन वापस लेकर तहत विपक्षी एकता को तार-तार सरकार गिरा दी गई और वहां करते हुये राज्यसभा में बहुमत नहीं राज्यपाल शासन लागू कर दिया होने के बावजूद बिल पास करा गया। धारा 370 हटाने के लिये ये लिया। सब करना बेहद जरूरी था। यदि लोकसभा में तो भाजपा के जम्मू कश्मीर में विधानसभा होती पास दो तिहाई बहुमत है वहां बिल तो धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पास होने में कोई अड़चन नहीं थी पास ही नहीं होता। अपनी दूसरी ही नहीं और एक झटके में धारा पारी में पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने 370 से मुक्ति मिल गई। जिससे जोड़ी दार अमित शाह को गृहमंत्री पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ बनाया और अमित शाह ने जम्मू गई। क्योंकि गुजरात के शेर सरदार कश्मीर के राज्यपाल सतपाल सिंह वल्लभ भाई पटेल का ये अधूरा मलिक से धारा 370 खत्म कराने कार्य गुजरात में दूसरे शेर अमित का प्रस्ताव पास कर केन्द्र सरकार शाह ने पूरा कर दिया।