मेरी राय

अखण्ड भारत का पहला स्वतंत्रता दिवस है इस बार


स्वतंत्रता दिवस 1947 में हमारा देश अंग्रेजों से आजाद हुआ था लेकिन अंग्रेन जाते-जाते हमारे देश को दो भागों में विभाजित करके, उनके बीच में कश्मीर को इस तरह डाल गये जैसे " बन्दरों के बीच में गुड़ की भेली" हमारे उस समय के तेज तर्रार नेता अंग्रेजों की इस चाल को समझ नहीं पाये जो समझ गये उनकी उस समय चल नहीं पाई। आजादी के समय पर हिन्दुस्तान पाकिस्तान के बंटवारे पर इतना बड़ा खून खराचा हुआ था कि आजादी की खुशी उसमें जैसे दब गई थी। कश्मीरियों को हमदर्दी लेने हेतु उस वक्त के हुक्मरानों ने जो धारा 370 लगाई थी वह धीरे-धीरे देश के लिये बड़ा नासूर बनती चली गई। उनकी सहानुभूति में लगाई गई धारा 370 को ना केवल उन्होंने अपना अधिकार माना बल्कि इस धारा का दुरूपयोग करके देश की सरकारों को ना केवल ब्लैक मेल करते रहे बल्कि डराते, धमकाते भी रहे। घाटी में रह रहे अलगाववादियों ने तो जैसे अपने-अपने अलगअलग संगठित गिरोह बना लिये और अपनी सुरक्षा पर केन्द्र सरकार का करोड़ों रूपया सर्च करवाते रहे। बात यही तक रूकती तो भी ठीक था, इसी कश्मीर में भारत के तिरंगे का अपमान रोज होता रहा। तथा पाकिस्तानी झंडा शान से लहराया जाता रहा । हमारी ही फौज के जवानों पर पत्थर बानी और आतंकवादियों को पनाह दी जाने लगी। इतने बड़े अन्याय का कारण पूरा देश उनकी सुरक्षा कवच के लिये धारा 370 को ही दोषी मानते थे। इसलिये देश के हर कोने से हर देशभक्त धारा 370 हटाने की ही मांग करता रहा था। मोदी के कार्यों को देखते हुने उन पर देश की जनता को विश्वास तो हो गया था कि वे धारा 370 को अनुकुल समय आने पर हटा जरूर देंगे। लेकिन धारा 370 इतनी जल्दी बगैर किसी सून सराचे के हटा दी जायेगी इसकी कल्पना भी नहीं की थी। पूरा देश मोदी के इस जादू को देखकर आक्षर्य कर रहा है। अब ये कहना सच लगने लगा है कि मोदी है तो मुमकिन है।


मेरा ते कहना है कि देश को आज कहत्तर वर्ष बाद वास्तिविक वजमीनी स्वतंत्रत मिली है। कागजी वतत्रता जरूर 1947 मे मिली धी।इसवर्ष 15 अगस्त को जहा स्वतंत्रता दिवस है वही भाई बहिन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व भी है। इसलिये प्रत्येक देशप्रेमी को अपने घरव अपने वाहन पर 15 अगस्त को जरूर अपना राष्ट्रीय ध्वज लगना चाहिये। रक्षाबंधन पर एक राखी अपने राष्ट्रीय ध्वज पर भी बची जायेगी हमारे लिये इससे बडी दोहरी खुशी का पर्व और कोई नहीं हो सकता। जय हिन्द