लोकसभा में बिल की नहीं है जरूरत
राष्ट्रपति कभी भी हटा सकते हैं धारा 35 ए
नई दिल्ली। आज धारा 35 ए हटाने को लेकर कश्मीर के निवासी चिन्तित व पूरे भारत के लोग उत्साहित हैं। उस धारा 35 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 14 मई 1954 को राष्ट्रपति भवन से जारी एक आदेश के द्वारा लगाई गई थी। इस धारा को लागू करने के लिए कभी संविधान संशोधन या लोकसभा में विल लाने का कोई जिक्र नहीं मिलता है। इसलिये देश के कानून विशेषज्ञों का मानना है कि धारा 35ए तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा अस्थाई रूप से लागू की गई तत्कालीन व्यवस्था थी। जिसको हटाने के लिये सरकार को लोकसभा व राज्यसभा में चिल लाना पड़ेगा। धारा 35ए का भारतीय तत्कालीन राष्ट्रपति के आदेश से 1954 में लागू हुई थी धारा 35ए संविधान में कहीं कोई जिक्र इसलिये नहीं मिलता है। धारा 35ए को हटाने से क्यों बैचेन है कश्मीर के नेता क्के धारा 35ए के कारण कोई सरकार की बहुत सी सुविधाओं का वड़ा लाभ केवल उन्हें ही मिल रहा है। ऐसा लाभ देश के किसी भी राज्य के नागरिकों को नहीं मिल पा रहा है। उस लाभ से वंचित रहने का संकट उन्हें रातों से सोने नहीं दे रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती तो पूरी रात न तो खुद सो पा रही हैं न ही दूसरे नेताओं ने सोने दे रही हैं।