वक्त ही बदला है पर चाल तो वैसी ही है, जहां दस साल पहले थे'शाह आज चिदंबरम
नहीं चल पाई कपिल सिब्बल व मनु सिंघवी जैसे वकीलों की दलील
अदालत ने चिदंबरम को 26 अगस्त तक भेजा सी.बी.आई हिरासत में
साल तक डासना जेल में बंद रहना पड़ा। कहावत है कि समय बड़ा बलवान होता है। इसके कहर से तो राजा-महाराजा तक घबराते है, और हर कोई चाहता है कि वक्त हमेशा उनके साथ रहे। लेकिन ऐसा बहुत कम लोगों के साथ ही होता है। उपरोक्त कहावत देश के गृहमंत्री अमित शाह और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदबरम पर बिल्कुल फिट बैठती है। कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम इस वक्त गिरफ्तारी से बचने के लिए एक जगह से दूसरे जगह भागे-भागे फिर रहे थे। उन्हें दिल्ली हाईकोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। कपिल सिब्बल से लेकर सलमान बचाव में उतरे कांग्रेस के बड़े नेता और वकील कपिल सिब्बल से लेकर सलमान खुर्शीद तक उनके बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट में चक्कर लगा रहे है लेकिन उन्हें राहत नहीं दिला पाए है और चिदंबरम को गिरफ्तार ये बात सोलहआने सच है, कि दुनिया में समय ही सबसे ज्यादा बलवान है। समय या वक्त जब चाहे इंसान को फर्श से अर्श तक और अर्श से फर्श पर ला सकता है। वक्त न जाने कब रंक को राजा व राजा को रंक बना सकता है। अनेक उदाहरण इतिहास में भरे पड़े हैं। दुनिया का सबसे ज्यादा ताकतवर देश अमेरिका है जिसके राष्ट्रपति को भी दुनिया का सबसे ज्यादा ताकतवर इंसान कहा जाता है। लेकिन वक्त बदला तो 14 अप्रैल 1865 को राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन व 22 नवम्बर 1963 को राष्ट्रपति जैन कनेड़ी की एक ही अंदाज में गोलिया बरसा कर हत्या हो गई और उनकी हत्या का राज आज तक भी नहीं खुल पाया। ऐसा ही उदाहरण आज हमारे देश के लोग देख रहे हैं। इस बार किरदार है, देश के पूर्व केन्द्रीय गृहमंत्री व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम जो कि इस समय सी.बी.आई की हिरासत में उसी सीजीओ कॉम्पलेक्स में बंद हैं। जिसका उन्होंने बतौर गृहमंत्री उद्घाटन किया था। तब शायद उन्होंने ये कल्पना भी नहीं की होगी कि कभी उन्हें भी इसी सीजीओ आफिस में मेरा पानी उतरते देख किनारे पर घर मत बना लेना, समुन्दर हूं मैं, लौट कर आऊंगा जरूर : अमित शाह (2010) कभी हिरासत में रहना पड़ेगा। ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव रहे वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी प्रदीप शुक्ला के साथ भी वक्त ने कुछ ऐसा ही सितम किया था। डासना जेल का उद्घाटन प्रदीप शुक्ला ने बतौर प्रमुख सचिव किया था। तब उन्होंने सपने में भी ये नहीं सोचा होगा कि उन्हें भी इसी जेल की काल कोठरी में बंद रहना पड़ेगा। लेकिन ऐसा हुआ और उन्हें एन.एच.आर.एम. घोटाले में डेढ़ होना पड़ा। ये समय ही है। आज दस बाद वक्त ने ऐसी करवट ली है कि सब कुछ बदल कर रख दिया है। दरअसल आज से ठीक 10 साल पहले 25/07/2010 को भी कुछ ऐसा ही घटित हुआ था। __ तब आज के अपने मौजूदा गृह मंत्री अमित शाह के पीछे जांच एजेंसियां लगी हुई थीं। अमित शाह उन दिनों गुजरात राज्य सभा के गृहमंत्री थे। बचाव में इधर -उधर भागते फिर रहे थे। उस समय देश के गृहमंत्री पी चिदबरम हुआ करते थे। अगर इस कहानी के अतीत में जाये और समय के पहिये को घुमाएं तो पाएंगे कि आज जैसा आरोप कांग्रेस बीजेपी पर लगा रही है। वैसा ही आरोप तब बीजेपी द्वारा दस वर्ष पहले यूपीए सरकार पर लगाया गया था और उस समय गृह मंत्री पी. चिदंबरम हुआ करते थे। सोहराबहीन एनकाउंटर से हुई थीं शुरूआत मामला कुछ यूं है कि उस वक्त सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामला चरम पर था और इसी मामले में अमित शाह पर कार्रवाई की गई थी। उस समय देश यूपीए की सरकार थी। उनके कार्यकाल के दौरान पी. चिदंबरम देश के गृह मंत्री थे। 25 जुलाई 2010 को सीबीआई ने अमित शाह को गिरफ्तार भी किया था और जेल में डाल दिया था। चिदंबरम 29 नवंबर, 2008 से 31 जुलाई 2012 तक देश के गृह मंत्री रहे थे। अब समय का पहिया घूमा है और अमित शाह देश के गृह मंत्री और सीबीआई-ईडी पी. चिदंबरम को जेल में डालने के लिए तैयार हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुरूआत से ही ना खाउंगा और ना खाने दूंगा की बात करते रहे हैं। खुद पीएम मोदी ने राजस्थान में एक रैली के दौरान कहा था कि जो पहले गृह मंत्री, वित्त मंत्री रह चुके हैं, उन्होंने भी कई खेल खेले हैं, उनके बेटे को जेल भेजा था, अब उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। वह लगातार कोर्ट में अग्रिम जमानत लेकर बच रहे हैं, लेकिन आखिर कबतक बचेंगे। लोकसभा में विपक्ष नेता अधीर रंजन ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर हमारे नेताओं ने कुछ गलत किया है तो आखिर क्यों राहुल गांधी, सोनिया गांधी यहां संसद में बैठे हैं, क्यों उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई।
- बतौर गृहमंत्री किया था जिस सीजीओ काम्पलैक्स का उद्घाटन वहीं रहना पड़
- सबसे बलवान हैं वक्त, कब किसे फर्श से अर्श पर पहुंचा दे और कब अर्श से फर्श पर गिरा दे