अब हाथी ने बदली अपनी चाल

पहली बार उपचुनाव लड़ने के लिये मैदान में उतरने से पहले


अब हाथी ने बदली अपनी चाल


तीन मंडल पर मुख्यजोन इंचार्ज की व्यवस्था को खत्म कर हर मंडल एक कोआर्डिनेटर बनाने का निर्णय लिया


उपचुनाव की 13 सीटों में से 11 सीटों पर कर दिये प्रत्याशियों के नाम घोषित


बसपा पहली बार लड़ने जा रही है,


लखनऊ। लोकसभा चुनाव में सप व रालोद के साथ गठबंधन होने के बावजूद भी बसपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी। तब बसपा सुप्रीमो मायावती ने हार का ठीकरा अखिलेश यादव के सिर पर फोड़ कर गठबंधन खत्म कर दिया था और अब प्रदेश में होने वाले विधानसभा उपचुनाव में पहली बार मैदान में उत्तर रही है। बसपा का इतिहास रहा है कि उसने कभी उपचुनावों में सहभागिता नहीं की। पहली बार बसपा सुप्रीमों उपचुनाव लड़ने का मन बना रही हैं। उपचुनाव में कोई कसर बाकी नहीं रहे नेसोच कर बसपा सुप्रीमो मायावती ने संगठन में बड़ा बदलाव किया है। बसपा प्रमुख ने देश के सभी राज्यों में तीन मुख्य कोऑर्डिनेटर बनाने के साथ-साथ हर तीन मंडल पर मुख्य जोन इंचार्ज की व्यवस्था अपनी को सत्म कर अब हर एक मंडल पर एक कोऑर्डिनेटर बनाने का फैसला लिया है। इसके साथ उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव के लिए रणनीति बनाई है। बसपा प्रमुख मायावती ने पार्टी नेताओं के साथ बैठक करके कई बड़े फैसले लिए हैं। उत्तर प्रदेश के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के सोए हुए जनाधार को वापस पाने के लिए बसपा संगठन के ढांचे में बदलाव किया है। देश भर में बसपा के विस्तार के लिए मायावती ने राष्ट्रीय स्तर की तरह राज्य स्तर पर भी तीन मुख्य कोऑर्डिनेटर बनाने का निर्णय लिया है। बसपा में राज्य स्तर पर तीन मुख्य कोऑर्डिनेटर को जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव आरएस कुशवाहा, उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मुनकाद अली और विधान परिषद सदस्य भीमराव अंबेडकर को दी गई है। इन तीनों नेताओं के कंधों पर बसपा संगठन की पूरी तरह से कमान है, अब मायावती सभी प्रदेशों में तीन मुख्य कोऑर्डिनेटर नियुक्त करेंगी। मायावती ने बसपा में तीन-तीन मंडल पर मुख्य जोन इंचार्ज की व्यवस्था समाप्त कर दी है। बसपा ने अच हर एक मंडल पर एक कोऑर्डिनेटर बनाने का फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश में बसपा के अभी तक 6 मुख्य जोन इंचार्ज हुआ करते थे,पर अब मायावती के फैसले के बाद 18 कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश की13 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए रणनीति बनाई है। बसपा नेताओं को कार्यकताओं से मायावती ने पार्टी प्रत्याशी को जिताने की अपील की है। बसपा ने 11 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम भी घोषित कर दिये हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में बसपा सुप्रीमों मायावती ने 13 विधानसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया। यह पहला मौका है, जब बसपा उपचुनाव लड़ने जा रही है। बसपा ने 13 में से 11 सीट पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है। घोसी से कम्यूम अंसारी, मानिकपुर से राजनारायण निराला, हमीरपुर से नौशाद अली, जैदपुर से अखिलेश अंबेडकर, बलहा से रमेश गौतम, टूंडला से सुनील कुमार चित्तौड़, लखनऊ कैंट से अरूप द्विवेदी, प्रतापगढ़ सदर से रंजीत सिंह पटेल, रामपुर से जुबर मसूद खां और कानपुर से देवी प्रसाद तिवारी को प्रत्याशी बनाया है। अंबेडकर नगर से राकेश पांडेय को प्रत्याशी घोषित किया था। उनके चुनाव लड़ने से इंकार करने पर अब पार्टी को जलालपुर के साथ सहारनपुर की गंगोह सीट पर प्रत्याशी घोभित करना है।