भविष्य के लिए खतरे की घंटी है अमेजन के जंगल की आग

भविष्य के लिए खतरे की घंटी है अमेजन के जंगल की आग


अमेजन के जंगल की आग दुनिया को इसी जंगल से मिलती है 20 प्रतिशत आक्सिजन


नई दिल्ली। धरती पर मौजूद प्राकृतिक संसाधन किसी न किसी वजह से खत्म हो रहे हैं। ये भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। यदि इन प्राकृतिक संसाधनों को बचाने और सहेजने के लिए अभी से कड़े कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले कुछ सालों में इसके भयानक परिणाम देखने को मिलेंगे। दुनिया का फेफड़ा कहे जाने वाले अमेजन के जंगल में लगी आग और ग्लोबल वमिंग की वजह से पिघल रहे ग्लेशियर इस चिंता को और भी बढ़ा रहे हैं। बीते कई सालों में यह अमेजन जंगल की सबसे भयावह आग है और इसका असर दूर दराज के इलाकों पर भी हो रहा है। दमकल विभाग और सेना के लोग आग बुझाने के काम में निरंतर जुटे हुटे हैं मगर 25 दिन बीतने के बाद भी इस पर काबू नहीं पाया जा सका है। इस साल कुछ माह पहले ही वैज्ञानिकों ने चेताया था कि हिमालय में ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने का सिलसिला चल रहा है। साल 2050 तक यहां के 650 ग्लेशियरों के पिघल जाने का अनुमान है। दूसरी ओर कुछ दिन पहले दुनिया का फेफड़ा कहे जाने वाले अमेजन के जंगल में आग लगने की घटना हो चुकी है अब यहां पर आग लगने से दुनियाभर के वैज्ञानिक और पर्यावरणविद परेशान है। अमेजन के जंगल में बीते कई दिनों से 2500 से अधिक जगहों पर आग लगी हुई है। इस जंगल से पूरी दुनिया को 20 फीसद प्रतिशत ऑक्सीजन मिलती है। दक्षिण अमेरिका के ब्राजील में मौजूद दुनिया का सबसे बड़ा वर्षा वन और दुनिया के फेफड़ों के नाम से प्रसिद्ध इस जंगल में आग बुझने का नाम ही नहीं ले रही है। आग से तबाही का मंजर भयावह होता जा रहा है। यहां आग लगने से इसके आसपास के इलाके ब्राजील के उत्तरी राज्य रोरैमा, एक्रे, रोंडोनिया और अमेजोनास बुरी तरह प्रभावित हैं। इस जंगल में लगी आग की घटनाओं का सबसे अधिक प्रभाव उत्तरी इलाकों में पड़ा है। रोराइमा में 141 फीसद, एक्रे में 138 फीसद, रोंडोनिया में 115 फीसद और अमेजोनास में 81 फीसद आग की घटनाओं में वृद्धि हुई है, जबकि दक्षिण में मोटो ग्रोसो ड्रो सूल में आग की घटनाएं 114 फीसद बढ़ी हैं। में अमेजोनास ब्राजील का सबसे बड़ा राज्य है, जहां आपात स्थिति की मौसम घोषणा कर दी गई है। आग से बडे पैमाने पर प्राकृतिक बन रही है कार्बन हैडाईआक्साइड में आग से पैदा हुए धुएं का विशाल गुब्बार पूरे अमेजन में फैल जंगल गया है और आगे बढ़ रहा है। धुआं अटलांटिक कोस्ट तक फैल चुका हैहै। यहां तक कि 2000 मील दूर नियंत्रित साओ पाउलो का आसमान धुएं से भर गया है। यहीं नहीं आग से बड़े हर पैमाने पर कार्बन डाईऑक्साइड पैदा हो रही है। इस आग से कार्बन मोनो जलाए ऑक्साइड गैस भी पैदा हो रही है, हुआ जोकि ऑक्सीजन की अनुपस्थिति जाता में लकड़ी के जलने से पैदा होती है। जुलाई से अक्टूबर के बीच सूखे मौसम में ब्राजील के जंगलों में आग की घटनाएं होना आम बात है। यहां प्राकृतिक कारणों से भी आग लगती है, किसान और लकड़ी काटने वाले भी कई बार आग लगाते हैं। जो बाद में भयानक रुप ले लेती है। अमेजल के इस विशालकाय जंगल में वनस्पति और जीव जंतुओं की 30 लाख प्रजातियां पाई जाती है। ये जंगल जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं, क्योंकि इसके जंगल हर साल लाखों टन कार्बन उत्सर्जन को सोख लेते हैं। जब पेड़ काटे या जलाए जाते हैं, तो उनके अंदर जमा हुआ कार्बन वायुमंडल में चला जाता है।