दिल्ली में बाबर रोड़ का विरोध बिना कारण नहीं
नई दिल्ली। शनिवार को दिल्ली से आई एक खबर ने सभी का ध्यान आकर्षित किया कि हिंदू सेना से जुड़े कुछ लोगों ने बंगाली मार्केट में बाबर रोड़ के बोर्ड पर कालिख पोतदी।पुलिसतुरंत सक्रियहुई कालिख धुलवाई गयी। हिदूं सेना के सूत्रों का अपना अलग मत है कि जिस मुगल शासक बाबर ने हिदूंओं पर इतने जुल्म ढाये और अयोध्या में राम मंदिर के पास बाबरी मास्जिद बनाई। ऐसे जुल्मी मुगल शासक की स्मृति को देश की राजधनी में क्यों जीवित रखें। दिल्ली क्या पूरे देश की जनता के दिल में यह सवाल तोजरूर उठता है कि दिल्ली में उनजुल्मी शासकों के नामों को क्यो जीवित रखें । जिन्होंने अपने शासन में हिंदुओं पर उनके मदिरों पर अत्याचार किये थे। आज भी उनके नाम को महिमा मंडित करके दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर नाम के पत्थर लगाएं हुए हैं। जिनमें जुल्मी मौहम्मद बिन तुगलग के नाम पर तुकलगरोड़, सिकंदर लोधी के नाम पर लोधी रोड़, अकबर रोड़, हुमायू रोड़ व औरंगजेब रोड़ आज भी हैं। जबकि देश के उन वीर सपूतों के नाम पर दिल्ली के लुटियन जोन में कोई भी प्रमुख मार्ग नही हैं ।जोअग्रेजो से देश को मुक्त कराने में शहीद हुए।पाकिस्तान को 1965 की लड़ाई में अपने टैंक से दांत खट्टे करनेवाले वीर अब्दुल हमीद के नाम से कोई सड़क नही हैं।