_1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में 91 हजार सैनिकों के साथ घुटने टेकने वाले जनरल नियाजी
घुटने टेकने वाले जनरल नियाजी का सगा भतीजा है पाक पीएम इमरान
सगा भतीजा नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी पहचान छुपाने की लास कौशिश की लेकिन पाकिस्तान की जनता को आखिर इमरान खान की असलियत का पत्ता चल ही गया। इमरान खान का असली नाम इमरान अहमद खान "नियाजी" है और ये 1971 में पाकिस्तान सेना प्रमुख रहे जनरल अब्दुल्ला खान नियाजी का भतीजा है। ये वो जनरल अब्दुल्ला खान नियानी था जिसने 1971 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान भारतीय सेना के सामने अपने 1 हजार सैनिकों के साथ हथियार डाल दिये थे। इसलिये उसका भतीजा इमरान अहमद खान "नियानी" भारत से पूरी तरह भयभीत है और उल्टी सीधी धमकी दे रहा है। पाकिस्तान की जनता नियाजी नाम से ही घृणा करती है। क्योंकि नियाजी ने भारत से बुरी तरह से मुंह की खाई थी। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली और सीनेट के संयुक्त अधिवेशन में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ पाकिस्तान के विपक्षी सांसद भारत के खिलाफ जहर उगल रहे थे लेकिन साथ ही साथ अपने प्रधानमंत्री इमरान खान को बेइज्जत करने से भी बाज नहीं आ रहे थे। मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता और पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ ने जब एक बार फिर अपने पीएम को नियाजी उपनाम से संचोधित किया तो जवाब देने खड़े हुए इमरान खान ने उनसे आग्रह किया कि अगर उन्हें पूरा नाम लेना ही है तो इमरान अहमद खान नियाजी बोलें। लेकिन विपक्ष के नेताओं ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया और शहबाज शरीफ के बाद आए वक्ता भी उन्हें नियाजी कहते रहे। पूर्व इमरान के चाचा ने 1971 में को भारत के सामने जवाब सन 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में आग्रह 'पूर्वी पाकिस्तान में भारतीय सेना के सामने तो आत्मसमर्पण करने वाले पाकिस्तानी ले लेफ्टिनेंट जनरल का नाम अमीर अब्दुल्ला खाँ नियाजी था। इस आत्मसमर्पण के बाद 'पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा पाकिस्तान से आजाद हो गया था और आज इसे ही बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। उस समय भारतीय सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा थे। तब से पाकिस्तान की जनता व विपक्षी दन नियाजी के नाम से ही नफरत करते हैं।
- अपने देश में इमरान खान की छवि खलनायक की बनी।
- संसद में बैठक के दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने सुनाई इमरान खान को खरी खोटी
- अपनी खीज मिटाने को इमरान खान दे रहा है भारत को गीदड़ भवकी