गृह मंत्रालय सीआरपीसी व आईपीसी में कर सकता है बदलाव
नई दिल्ली। देश में मोदी सरकार 2.0 की शुरूआत होने के बाद ताबड़तोड़ फैसले लिए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद गृह मंत्रालय अब सीआरपीसी और आईपीसी में बड़े बदलाव करने की तैयारी में है। बीपीआरएंडडी (बीपीआर एई डी) के 49वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में गृह मंत्री अमित शाह ने इस बात के संकेत भी दिए हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सीआरपीसी और आईपीसी के अंदर जरूरी परिवर्तन । के लिए देशभर में एक परामर्श प्रक्रिया शुरू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि सीआरपीसी और आईपीसी में जरूरी बदलावों के लिए हमें आगे बढ़ने की जरूरत है। देश की राजधानी दिल्ली में मंत्री आयोजित समारोह में गृह मंत्री ने कहा कि हमारी पुलिस को क्रिमिनल और क्रिमिनल माइंडेड लोगों से चार कदम आगे रहने की जरूरत है। लंबे समय से सीआरपीसी और आईपीसी में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके लिए आगे बढ़ने की जरूरत है। इस उद्देश्य के लिए देश भर में एक परामर्श प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए। मंत्री ने कहा कि इस संबंध में दिए गए सुझाव पर एक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी जानी चाहिए। यह देखते हुए कि देश में अपराधियों को सजा दिलाने की दर बहुत कम है, इसलिये बीपीआर एंड डी को फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय और कॉलेजों की स्थापना के लिए अपने काम में तेजी लानी चाहिये ताकि नई तकनीक अपराध के मामलों को सुलझाने में मदद कर सके। उन्होंने कहा कि अगर समयबद्ध तरीके से जांच के दौरान फोरेंसिक साइंस की मदद ली की जाती तो इससे अपराधियों को सजा दिलाने की दर भी बेहतर होगी। और पुलिस ने बदमाशों से चार नहीं की कदम आगे होना होगा देश फोरेंसिक विज्ञान की विश्वविद्यालय और कॉलेज इस वास्तव में अपराधिक मामलों को एक तेजी से हल करने में मदद करेंगे जानी और अपराध के ग्राफ और में अपराधियों की मानसिकता पर भी दर अंकुश लगाएंगे। पुलिस बल के बीपीआर आधुनिकीकरण को लेकर शाह ने कहा कि पुलिस को अपराधियों से चार कदम आगे होना चाहिए और तेजी यह तभी संभव हो सकता है जब पुलिस बल का उचित तरीके से आधुनिकीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि आधुनिकीकरण को समग्र दृष्टि से देखा जाना चाहिए और विभागों के बीच उचित्त सजा समन्वय होना चाहिए। __ मंत्री ने इसके सफल कार्यान्वयन के लिए पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 10 साल की योजना बनाने की बात कही विज्ञान और कहा कि हर राज्य में 'मोडस कॉलेज ऑपरेंडी व्यूरो' की स्थापना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खाली फोन टैपिंग करने से पुलिस को और मदद नहीं मिलेगी। शाह ने कहा कि बल को बीट सिस्टम और मुखबिरी जैसी जांच के पुराने तरीकों को पुनर्जीवित्त करना चाहिए। किसी भी मामले की जांच के दौरान पुलिस की 'थर्ड डिग्री' पद्धति के बारे में बात करते हुए शाह ने कहा कि ये अतीत की बातें हैं और मामलों को सुलझाने के लिए नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। मंत्री ने पुलिस सुधारों के बारे में भी बात की और कहा कि कांस्टेबल से लेकर पुलिस महानिदेशक के पद तक पुलिसिंग की एक अवधारणा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस सुधार बड़ी अवधारणा है और बीपीआर एंड ही इसे शुरू से डिजायन करेगी। शाह ने कहा कि पुलिस और कानून व्यवस्था राज्य के विषय थे, लेकिन कई बार कई राज्यों में उचित प्रेरणा की कमी के कारण बल का मनोबल घट गया है।