प्रदूषण प्रमाण पत्र देने वालों के भी आये 'अच्छे दिन'

प्रदूषण प्रमाण पत्र देने वालों के भी आये 'अच्छे दिन'


प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाने वाले व बीमा कराने वाले कर रहे हैं मोदी जी की जय-जयकार


वाहन चालकों में पैदा हुआ यातायात पुलिस का खौफ सभी दुपहिया वाहन चालक लगा रहे हैं हेलमेट व कार चालक लगा रहे हैं सीट बेल्ट


गाजियाबाद। मोदी जी ने 2014 के चुनाव से पहले प्रचार में चुनावी रैलियों में यह घोषणा की थी कि सभी के अच्छे दिन आने वाले हैं। तब जगह-जगह अपना छोटी-सी स्टाल में प्रदूषण जांच कर प्रमाण पत्र देने वालों ने कभी सोचा भी नही होगा कि उनके भी कभी अच्छे दिन आयेगेसुबह से शाम तक ग्राहकों की प्रतीक्षा करके किसी तरह रोजी रोटी कमाने वाले इन लोगो की आज स्थिति यह है। खाना खाने तक की भी इनको फुर्सत नही है। जब सुबह को अपना खोखा खोलने पहुंचते है तो बीस तीस लोग इंतजार करते मिलते हैं। पहले प्रदूषण जांच का प्रमाण पत्र बनवाने के लिए खुद प्रयास करते थे और आज मोदी सरकार की कृपा से इनके ऐसे अच्छे दिन आये है कि सुबह और शाम काम ही काम। प्रदूषण वालों की किस्मत की तरह गाड़ियों का बीमा कराने वाले भी मोदी जी की जय-जयकार करते नहीं थक रहे हैं। अब तो इनके घर ऑफिस पर लाईने नही टूट रही है। और तो और लोग अपने व्हीकल का बीमा कराने के लिए एजेंटो के रिश्तेदारों व मित्रों की सिफारिश कराकर ,जल्दी समस्या से निपटना चाहते हैं। सच कहा है किसी ने पुरानी कहावत है चौदह साल में तो घूरी (कूडा डालने की जगह) के दिन भी बदल जाते हैं। आरटीओ ऑफिस के बाहर स्कूटरों, मोटर, साइकिलों पर ही अपना ऑफिस सजाएं बैठे, दलालों की भी जिंदगी में इस एक्ट से जैसे बहार आ गई है। पहले जिस लाईसेंस के 500-700 लेते थे। अब उसी काम के 2500 से 3500 रूपये दलाल झटक रहे हैं। चाहते नया मोटर व्हीकल एक्ट, प्रदूषण, कहावत बीमा, आरटीओ के लिए जहां अच्छे दिनों डालने के आगमन, का संदेश लाया है। वहीं हैं। ट्रैफिक पुलिस वालों का भी महत्व व भय स्कूटरों, बढ़ा है। पहले जो व्यक्ति इस गलत फहमी में रहते थे कि नेता के सिफारिशी फोन या सौ-दो सौ रूपये मुंह पर मार कर निकल जायेगें। उन्हें भी अब मालूम हो गया है कि यदि दीवान जी का दिमाग घूम गया तो जुर्माना हजारों से लाखों में भी पहुंच सकता हैं। इस कानून का इतना प्रभाव अवश्य पड़ा है कि सड़कों पर स्कूटी चलाते बालक अब कम दिखाई देते है। चलो, मोदी सरकार में अनेक लोगो के अच्छे दिन तो आये और इनकी मंदी भी दूर हुई।