थाना सिहानी गेट पर तैनात एक सिपाही का दुस्साहस
थाना सिहानी गेट पर तैनात एक सिपाही का दुस्साहस कप्तान को फोन पर दिया यह जवाब फोन पर नहीं,सैट पर आदेशदोजनाब
एसएसपी और सिपाही के बीचहर्डबातचीत के अश
एसएसपी: एसएसपी बोल रहा हूं।
सिपाही: हां बताओ
एसएसपी: तुम कौन बोल रहे हो।
सिपाही: दीपांशुमलिक बोल रहा हूं।
एसएसपी: क्या हो तुम।
सिपाही: कांस्टेबल हूं। बता तो दिया।
एसएसपी: पैसे किस बात के मांग रहे हो।
सिपाही: हमराही के पैसे हैं।
उसने गाड़ी बिकवाई थी। उसके मांग रहा हूं।
एसएसपी : ऐसा करिए, अभी आकर लाइन में आमद कराओ।
सिपाही: ठीक है। अभी जा रहा हूं। वायरलैस सेट पर बोल दो।
एसएसपी: सेट पर सुन लो। अभी तुझे निलंबित करूंगा।
सिपाही: हां ठीक है, सेट पर सूचना दो।
गाजियाबाद। जब पुलिस वाले ही अनुशासनहीनता करें और अपने अधिकारी के साथ भी बदसलूकी करने में भी संकोच न करे वो आम आदमी के साथ कैसा सलूक करते होंगे। ये बातने की आवश्यकता नही है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने ऐसे अनुशासन हीन सिपाही को केवल लाइन हाजिर कर छोड़ दिया। जबकि ऐसे सिपाही को तो सेवा से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए था। ताकि फिर कोई अनुशासन हीनता करने की जुर्रत नहीं कर सके। सिहानी गेट कोतवाली की पुराना बस अड्डा पुलिस चौकी में तैनात सिपाही दीपांशु मलिक ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह के साथ फोन पर बदसलूकी की हद ही लांघ डाली। घटना के अनुसार पुराने बस अड्डे चौकी क्षेत्र में कोई झगड़े का मामला था। इस झगड़े का निस्तारण कराने के लिए चौकी में तैनात हैड कांस्टेबल प्रमोद व सिपाही दीपांशु मलिक निस्तारण के नाम पर पैसे मांग रहे थे। पीड़ित ने इसकी शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार से की तो उन्होंने पीड़ित को अगले दिन शिकायत लेकर अपने दफ्तार आने को कहा। लेकिन रात को ही सिपाही दीपांशु मलिक ने फोन कर पीड़ित को तुरंत चौकी में आने को कहा। इस पर पीड़ित ने बताया कि उसे कल कप्तान साहब ने अपने दफ्तर में बुलाया हैं। तब सिपाही ने कहा कि अब कप्तान का ही फोन आया है। जल्दी आ वर्ना जूते बजाऊंगा। इस पर पीड़ित ने कप्तान सहाब को फोन कर कॉफ्रेंस पर लेकर सारा प्रकरण बताया और सिपाही दीपांशु मलिक से बात कराई। सिपाही ने पुलिस कप्तान से साफ कड़े लहजे में कहा कि पैसे तो इसे देने ही पड़ेगें। इस पर जब कप्तान ने कहा कि तुम्हें लाइन हाजिर कर रहा हूं। और सस्पेंड कभी कर दूंगा। इस पर भी सिपाही का गरूर नही टूटा ओर साफ कहा कि सैट पर आदेश दे अभी पुलिस लाइन में आमद करता हूं। इस पर कप्तान को वायरलेंस सैट पर दीपांशु मलिक व हैड कांस्टेबल प्रमोद को लाइन हाजिर करने का आदेश देना पड़ा। यदि सुधीर कुमार सिंह के स्थान पर वैभव कृष्ण कप्तान होते तो ऐसे सिपाही को उसी वक्त गिरफ्तार कर हवालात में डलवा देते। जैसा कि उन्होंने नोएडा थाना सेक्टर 20 के कोतवाल मनोज पंत को उसी के थाने की हवालात में बंद करा दिया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह को ऐसे अनुशासनहीन सिपाही को सबक सिखाने के लिए कड़ी कार्रवाई अमल में लानी चाहिए। यदि ऐसा नहीं किया जाता तो कल कोई और दीपांशु मलिक अनुशासनहीनता करेगा। और जब अपने अफसर से ही पुलिस कर्मी बदसलूकी करेगा तो फिर आम जनता का क्या होगा। ये बड़ी चिंता का विषय है।