वक्त की हर शय गुलाम, वक्त का हर शय पर राज
वक्त ने अच्छों-अच्छों को पहुंचा दिया फर्श से अर्श तक
गाजियाबाद। किसी ने सही कहा है कि दुनिया में सबसे ज्यादा बलवान वक्त है। जब वक्त अच्छा होता है तो मामूली इंसान फर्श से अर्श पर पहुंच जाता है और यदि किसी का वक्त खराब होता है तो बड़ी-बड़ों को अर्श से फर्श पर लाकर पटक देता है। जिसकी कभी उसने कल्पना तक नहीं की होती है। वर्ष 1965 में चौपड़ा बंधुओं की एक फिल्म आई थी, जिसका नाम था "वक्त"। इस फिल्म में "वक्त" को सबसे ताकतवर बताते हुये यह संदेश देने का प्रयास निर्माता ने किया था कि अच्छा समय आने पर कभी भी इतराना नहीं चाहिये। हम आपको जो दास्तान बताने जा रहे हैं, वो "वक्त" के इस गीत को पूरी तरह से चरितार्थ करती है। वक्त से दिन और रात, वक्त से कल और आज वक्त की हर शय गुलाम, वक्त का हर शय पर राज अभी ताना मामला थाना लिंक रोड़ का है। जहां लेडी सिंघम कहीं जाने वाली लक्ष्मी चौहान लिंक रोड़ थाने की प्रभारी निरीक्षक थी। लक्ष्मी चौहान की गिनती तेज तर्रार इंस्पेक्टरों में होती थी। वक्त बलवान था तो उनके हाथ में अच्छे थानों की कमान रही। लेकिन मंगलवार को अचानक उनका वक्त सराब हुआ और वो अर्श से एक दम फर्श पर आ गई। लक्ष्मी चौहान के खिलाफ उसी थाने में 70 लाख रूपये हड़पने की रिपोर्ट दर्ज हुई जिसकी वो कुछ समय पहले तक प्रभारी निरीक्षक थी। उसके साथ एक दरोगा व पांच सिपाहियों के नाम भी शामिल हैं। रोज मुलजिमों को पकड़ कर सीखचों में डालने वाली लेडी सिंघम को अपने खिलाफ रिपोर्ट दर्न होते ही फरार होना पड़ा। जिसके लिये उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा। अब वहीं पुलिस कर्मचारी लक्ष्मी चौहान के साथ ही थाने के दरोगा व पांच सिपाहियों की गिरफ्तारी के लिये दबिश डाल रहे हैं जो सामने आते ही जोरदार सैल्यूट मारते थे। ऐसा ही एक मामला 30 जनवरी 2019 को नोएडा के थाना सैक्टर 20 के प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत के साथ हुआ। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण की टीम ने एक कॉल सेंटर संचालक से आठ लाख रूपये की घूस लेते हुये पकड़ लिया। इतना ही नहीं उनके खिलाफ तत्काल रिपोर्ट दर्न कर, उसी थाने की हवालात में डाल दिया था। निस थाने के वे कुछ ही समय पहले प्रभारी थे। जिस हवालात में उन्हें बंद किया गया उसमें वो मुलजिम भी थे। जिन्हें कुछ समय पहले मनोन पंत ने ही गिरफ्तार कर हवालात के अन्दर डाला था। ऐसा ही वाकया पेश आया था राज्यसभा सदस्य नरेन्द्र कश्यप के साथ। उन्होंने 5 अप्रैल 2014 को बड़े धूमधाम से महर्षि कश्यप जयंती मनाई थी। उनकी गिनती उस समय बसपा के कद्दावर नेताओं में होती थी। कश्यप जयंती के अगले दिन उनके जीवन में भी अचानक एक जलनला आया नो हंसते खेलते घर को पल भर में उनाड़ दिया। घटनाक्रम के अनुसार उनकी पुत्र वधू ने खुदकुशी कर ली और नरेन्द्र कश्यप व उनकी पत्नी को पुत्र सहित अगले दिन डासना जेल में जाना पड़ा। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी उन्हें तत्काल पाटी से बाहर का रास्ता दिखा दिया और वो एक दम अर्श से फर्श पर पहुंच गये थे। इसी तरह सपा सरकार में आजम खां की तूती बोलती थी उन्हें उनके बगैर पता भी नहीं हिलता था। अधिकारी हाथ बांध कर उनके आगे पीछे घूमते थे। उनकी भैंस चोरी हो जाने पर तो जैसे पूरे पुलिस अमले में हड़कम्प मच गया और एक भैंस के बदले में दस भैंस बरामद कर दी गई और अब वक्त ने ऐसी करवट ली कि जिस क्षेत्र के वो सांसद है उसी रामपुर में उनके खिलाफ 5 न केवल एफ.आई.आर. दर्ज है बल्कि भूमाफिया भी घोषित कर दिया और चे गिरफ्तारी से बचने के लिये अदालतों के चक्कर लगा रहे हैं। कमोवेश ऐसा ही हाल देश के गृहमंत्री रह चुके कांग्रेस के कद्दावर नेता पी. चिदंबरम का है। कभी पूरे देश की पुलिस, उनका हुक्म होते ही पल भर में ही तामील करती थी। लेकिन वक्त के बदलतेमिनान से वो भी अधूते नहीं रह सके, आन वो तिहाड़ जेल में बंद हैं। बिहार में जिनकी तूती बोलती थी। कभी भारत के रेल मंत्री रहेलालू प्रसाद यादव भी अपने जीवन का अंतिम समय रांची नेल में बिता रहे हैं। वक्त बलवान था तो संत आशा राम के करोड़ों अनुयायी उनके चरणों की धूल लेने के लिये तरसते थे। बड़े-बड़े नेता गण उनके पैर छूकर आशीवाद लेना अपना सौभाग्य समझते थे। लेकिन वक्त ने उन्हें भी उठाकर जेल के फर्श पर पटक दिया और इस समय वे अपने पुत्र के साथ जोधपुर नेल की शोभा बढ़ा रहे हैं। गुरमीत राम रहीम इस जो कि अपने को भगवान का अवत्तार बताने लगा था वक्त को शायद यह पसंद नहीं आया और वक्त ने उन्हें भी औकात बता दी और कहीं का नहीं छोड़ा। इन पर तो ये लाइने सटीक बैठ रही हैं। कल चमन था आज एक सहरा हुआ देखते ही देखते ये क्या हआ।
वक्त ने रानू मंडल को पहुंचा दिया फर्श से अर्श पर ।
ऐसा नहीं है वक्त अर्श से फर्श पर ही धकेलता है। वक्त ने बहुतों को अचानक फर्श से उठाकर अर्श पर भी पहुंचाया है। उनमें एक भाग्यशाली महिला रान मंडल भी हैं जो कभी कलकत्ता के रेलवे स्टेशन पर चाय व खाना मांग कर गाने गाया करती थी । इस दौरान भिखारिन रान मंडल के गाने की आवान किसी को अच्छी लगी उस व्यक्ति ने पश्चिम बंगाल के रानाघाट रेलवे चाय व विस्कुट लेने के लिये गाना स्टेशन पर रिकॉर्ड किया वीडियो गाती थी आज उसका वक्त ऐसा सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया बदला कि लोग लाखों रुपये देकर था। इस वीडियो को खूब शेयर रान मंडल को महफिलों में चला रहे किया गया। इस वीडियो ने ऐसी हैं। इस लिये कहा जाता है कि सभी हलचल मचाई की देखते ही देखते को क्क्त से हमेशा डरना चाहिये। भिखारिन रानू मंडल का गाना लोगों वक्त किसी का भी सगा नहीं होता। के दिलों में घर कर गया। रानू इतनी ने वक्त ही है जो कि एक पल में मशहूर हो गई कि उन्हें विदेश से भी राना को रंक और रंक को सिहासन ऑफर मिलने लगे। जो रान कभी तक पहुंचा देता है।