जीडीए के19 बारात घर पड़े हैं वीरान व खाली

किराया ज्यादा व सुविधा कम होने के कारण


जीडीए के19 बारात घर पड़े हैं वीरान व खाली


जीडीएके19 गाजियाबाद। जीडीए द्वारा विकसित विभिन्न कॉलोनियों में वहां के निवासियों को अपने पारिवारिक व सामाजिक आयोजन करने हेतु सामुदायिक केन्द्र बनाकर दिए गये थे। इन सामुदायिक केन्द्रों के आवंटन व आरक्षण के दायित्व का अधिकार जीडीए के ही पास है। ___ लेकिन देखने में आया है कि इन सामुदायिक केन्द्रों को आरक्षित कराने की बजाय लोग विभिन्न एनजीओ द्वारा संचालित भवनों में समारोह करना ज्यादा पसंद करते हैं क्योंकि एक तो ये प्राइवेट भवन आधुनिक साज-सज्जा युक्त होते हैं, दूसरे उनका किराया भी जीडीए व्यक्ति के भवनों से बहुत कम है। इसी कारण जीडीए द्वारा निर्मित सामुदायिक केन्द्र ज्यादातर खाली व वीरान पड़े हैं। उनमें बहुत कम व्यक्ति ही कार्यक्रम कर रहे हैं। संजयनगर का सामुदायिक केन्द्र एक साल से खाली संजयनगर सेक्टर-23 के एच. ब्लाक में जीडीए द्वारा जुलाई 2018 में लाखों रुपये खर्च करके पुराने सामुदायिक केन्द्र का जीर्णोद्धार कराया गया लेकिन जीडीए ने इस सामुदायिक केन्द्र का किराया इतना अधिक निर्धारित किया है जिसके कारण लोग इस भवन को बुक कराने की हिम्मत नहीं कर पाते, उसे पूरे एक साल में एक-दो व्यक्तियों ने ही आरक्षित कराया है। संजयनगर सेक्टर-23 में ज्यादातर अल्प वेतन या मध्यम वर्ग ही रहता है। जीडीए सूत्रों के अनुसार इस सामुदायिक केन्द्र का एक दिन का किराया 36945 रखा गया हैसाथ ही आरक्षित कराने वाले को इसके अलावा लगभग साढ़े नौ हजार रुपए सिक्योरिटी भी अलग से बैंक में जमा करानी पड़ती है। इस तरह लगभग 47 हजार रुपए जीडीए को किराए के रूप में एक दिन के लिए होगा। सरकारी जटिलताओं के चलते आज वापस लेना लगभग नामुमकिन है। इस तरह भवन का किराया 47000/- खर्च करने के बाद भी जेनरेटर व करने के बाद भी जेनरेटर व फर्नीचर्स की व्यवस्था अलग से आयोजक को करनी होती है। यही कारण है कि भवन जबसे बना है तब से खाली पड़ा है। जीडीए के अन्य भवनों का किराया भी महंगा जीडीए द्वारा कविनगर बी ब्लाक (के.डी.बी. स्कूल के सामने) में बने सामुदायिक केन्द्र का किराया लगभग 80,000/रोज है।


एच. ब्लाक सामुदायिक केन्द्र का किराया हो 11 हजार रूपये : सेवाराम त्यागी समाज सेवक' जीडीए को इस सेक्टर-23 भवन का किराया अधिकतम 11 हजार रूपये करना चाहिए क्योंकि इस कॉलोनी में अल्प वेतन भोगी लोग ज्यादा रहते हैं जो कि एक दिन का किराया 50 हजार रुपए देने को असमर्थ नहीं हैं, उससे बहुत कम पैसे खर्च करके अग्रसेन भवन, चौधरी भवन, आपका भवन बुक कराए जा सकते हैं ।बुकिंगन मिलने पर इसके रख रखाव का खर्च भी जीडीए द्वारा अपने पल्ले से किया जा रहा है। यदि इस भवन का किराया वाजिब होता तो स्थानीय लोगों को भी इस सामुदायिक केन्द्र का लाभ होता तथा जीडीए को भी लाभ होता और जीडीए को लाखों रुपए महीने किराए के रूप में मिल सकता था।


-जीडीए ने विभिन्न कॉलोनियों में बना रखे हैं 19 बारात घर


-संजयनगर के सामुदायिक केन्द्रका किराया 37000/ (लगभग)


- दूसरे सामुदायिक केन्द्रों का किराया 68000/- तक है निर्धारित सामाजिक संस्थाओं द्वारा बनाए गए भवनों में सुविधा भी ज्यादा, किराया भी कम