कांग्रेस ने 'लल्लू' को ही सौंपी यूपी की कमान

'परमार्थ संदेश के आठ सितंबर के अंक में प्रकाशित खबर पर लगी मोहर


कांग्रेस ने 'लल्लू' को ही सौंपी यूपी की कमान


थे। लखनऊ। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन से प्रदेश कांग्रेस में बवाल मच गया थापार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी व प्रदेशाध्यक्ष राज बब्बर फतेहपुर सीकरी से चुनाव हार गये करारी हार के बाद पहले राहुल गांधी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से त्याग पत्र दे दिया और फिर इसके कुछ दिनों बाद राज बब्बर ने भी पद छोड़ दिया। तब से यूपी की प्रभारी और पार्टी राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में डामाडोल होती पार्टी की नेय्या के नये खिवैया की तलाश में जुटी थी। कई नेता प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में थे। परमार्थ संदेश समाचार पत्र ने अपने आठ सितम्बर को प्रकाशित अंक में प्रकाशित खबर में लिखा था कि प्रदेश अध्यक्ष में कांग्रेस पार्टी की कमान अजय कुमार लल्लू को सौंपी जानी तय है। इसके करीब एक माह बाद अजय कुमार लल्लू को कांग्रेस कार्य समिति ने आठ अक्टूबर को उनके नाम का ऐलान कर परमार्थ संदेश की खबर पर मुहर लगा दी है। यूपी कांग्रेस की नई कार्यकारिणी में पिछली बार की अपेक्षा काफी कम सदस्य रखे हैं। पिछली समिति में जहां लगभग 500 सदस्य थे, वहीं नई समिति में महज 40 से 45 सदस्य हैं। प्रदेश की हर राजनीतिक गतिविधियों और घटनाओं पर नजर रखने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपनी जो टीम तैयार कर रही हैं, उसमें युवाओं की बड़ी भागीदारी दिख रही है। नए प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की आयु 40 साल हैं और उनकी टीम के सदस्य भी ज्यादातर 40 से 45 साल की उम्र के ही हैं। ऐसे में देखना होगा कि कांग्रेस की युवा टीम क्या पार्टी का खोया हुआ जनाधार वापस तलाश पाएगी। अजय, कुशीनगर की तुमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। साल 2012 में पहली बार विधायक चुने गए थे तब उन्होंने भाजपा के नंद किशोर मिश्रा को 5860 वोटों से हराया था, जिसके बाद उनकी लोकप्रियता और बढ़ती चली गई। साल 2017 में भाजपा और मोदी लहर में भी तमकुहीराज की जनता ने उन्हें ही चुना। उन्होंने न केवल अपनी सीट बचाई, बल्कि 2012 के चुनाव से भी ज्यादा बड़े अंतर से भाजपा प्रत्याशी को हरा कर अपनी ताकत दिखाई। वे पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं और पिछड़ी कानू जाति के हैं। वह कांग्रेस के पूर्वी यूपी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रह चुके हैंलल्लू कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बेहद करीबी माने जाते हैं और उनके साथ उत्तर प्रदेश के हर दौरे में नजर आते रहे हैं। वह सामाजिक न्याय के मुद्दे पर मुखर भी हैं और यूपी में हर मसले को उठाने को लेकर तत्पर रहते हैं। ऐसे में कांग्रेस उन से काफी उम्मीदे हैं। वो इस पर कितना खरा उतरते हैं इसका पता आने वाले विधानसभा चुनाव में होगा। अजय कुमार लल्लू अपने कॉलेज में छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे प्रतिमा एवेन्यू पहुंचकर हैंहैं। प्रियंका बेहद हैं। वह शुरू से जमीनी आंदोलनों में बेहद सक्रिय दिखते रहे हैं। कई बार उनपर पुलिस की लाठियां भी बरसीं। इसलिये लोग उनको “धरना कुमार" कहने लगे थे। विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़कर अपनी राजनैतिक पारी की शुरूआत करने वाले अजय को पहली बार हार नसीब हुई थी। चुनाव हारने के बाद वे रोजी रोटी के लिए मजदूरी करने के लिये दिल्ली पहुंचे और दिहाड़ी पर मजदूरी की। मजदूरी के दौरान भी क्षेत्र की जनता से बराबर संपर्क में रहे। फिर से कुशीनगर लौटे और सड़कों पर संघर्ष करने लगे। साल 2012 में जब विधानसभा चुनाव हुआ तो उन्होंने भाजपा के नंद किशोर मिश्रा को 5860 वोटों से हरा दिया और पहली बार विधायक बनेउसके बाद 2017 में वह दूसरी बार विधायक बने। अब इस परीक्षा में वे कितना खरा उतरते हैं इसका पता प्रदेश में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव में पड़ेगा। 


'लल्लू' की ताजपोशी से पार्टी में हुई बगावत प्रदेश में कांग्रेस की डांवाडोल स्थिति को संभालने के लिये कांग्रेस आला कमान ने अजय कुमार 'लल्लू' को प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। लेकिन इससे कांग्रेस का संकट घटने के बजाए और बढ़ गया है। उनके पदभार संभालते ही पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया। उनकी ताजपोशी से पूर्वांचल के कई वरिष्ठ नेता नाराज है। कांग्रेस के पूर्व सांसद राजेश मिश्रा ने सलाहकार समिति में शामिल होने से इ४कार कर दिया है। वाराणसी से सांसद रह चुके राजेश मिश्रा प्रदेश में कांग्रेस का प्रमुख ब्राह्मण चेहरा हैं। कांग्रेस के पूर्व विधान परिषद सदस्य सिराज मेहंदी ने भी 'लल्लू' की ताजपोशी के विरोध में त्याग पत्र दे दिया है।


रोडवेज बस से राजधानी पहुंचे नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू' ने संभाला पदभार कांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने शुक्रवार को अपना पदभार ग्रहण कर लिया। वे चार्ज लेने के लिए कुशीनगर से लखनऊ रोडवेज बस से पहुंचे। उनका पार्टी कार्यकताओं ने भव्य तरीके से स्वागत किया। पॉलीटेक्निक चौराहे से जुलूस के साथ उन्हें पार्टी कार्यालय लाया गया। लल्लू रोड शो करते हुए हजरतगंज पहुंचे, जहां उन्होंने गांधी प्रतिमा एवेन्यू स्थित कांग्रेस मुख्यालय कार्यक्रम में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पर माल्यार्पण किया। फिर मॉल पहुंचकर अपना पद संभाला। इस राजब्बर नजर नहीं आए।


राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक समाचार पत्र सामाजिक समरसता का संवाहक यूपी कांग्रेस के लल्लू' बनेंगे खिवैया! बुदढ़ों की होगी छुट्टी युवाओं को मिलेगी डियूटी अब तक 400 की प्रदेश कार्यकारणी सिमेटेगी-45-50 तक गाजियाबाद। लगातार पराज्य कार्यकारणी में जिम्मेदारी दी व झटकों से सबक लेते हुए जायेगी। "लल्लू" की यहां कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में अपना इस प्रदेश कार्यकारणी अब मजबूत ढांचा खड़ा करने का तक की सबसे युवा मन बनाया है। इसलिए फिल्म कार्यकारणी होगी। इस बार अभिनेता व चेहरा दिखाऊ प्रदेश पदाधिकारियों की नेताओं को दरकिनार करके, अधिकतम उम्र 40-45 तक युवा कार्यकर्ताओं पर कांग्रेस होगी। दाव खेलने जा रही है। सूत्रों के परमार्थ संदेश ने अपने अनुसार उत्तर प्रदेश कांग्रेस पिछले अंक में इस आश्य से अध्यक्ष के लिए अब एक नया एक खबर भी प्रकाशित की थी चेहरा लाया जा रहा है। जिसमें यह प्रकाशित किया था विश्वस्त सूत्रों के अनुसार कि कांग्रेस अब बुड्ढों की अजय कुमार लल्लू नामक युवक कर दिया है। प्रदेश की जिस पंचायत होकर रह गई है। क्योंकि को प्रदेश की कमान सौपी जा रही कार्यकारणी में पहले सभी को खश जब 86 साल के पूर्व प्रधानमंत्री है। जिससे आगे आने वाले 2022 करने व साधने हेतू 400-450 मनमोहन सिंह को तो पुन राज्यसभा के चुनावों में अभी से पार्टी को कार्यकर्ताओं की भारी भरकम टीम भेजा रही है और लेकिन युवाओं की प्रदेश में मजबूत बनाया जा सके हुआ करती थी अब उनसे परहेज और उसका ध्यान नहीं है। इसलिए इसलिये कांग्रेस ने अभी से अपनी करके इस बार मात्र 40-45 योग्य कांग्रेस अब आने वाले चुनावों में कार्य योजना पर अमल करना शुरू कार्यकर्ताओं को ही प्रदेश युवाओं पर दाव खेलने जा रही है।