पुलिस की पकड़ से दूर ही रहा है
'वो'अंधेरे का लाभ उठा कर भागने वाला
गाजियाबाद। पुलिस को बदमाशों से आये दिन मुठभेड़ होती रहती है। जिसमें पुलिस अपनी जान को दाव पर लगाकर बदमाशों पर काबू तो कर लेती है। लेकिन सभी मुठभेड़ों की स्टोरी में एक बात जरूर कॉमन पाई जाती है कि मुठभेड़ में एक भागते हुये बदमाश को पैर में गोली मार कर पकड़ लिया दूसरा बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर भाग गया। जो दूसरा बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर भाग जाता है। वह पता नहीं रात के अंधेरे में कहां गुम हो जाता है कि पुलिस के हाथ उस तक नहीं पहुंच पाते। पुलिस गिरफ्तार बदमाश से उस भागे हुये बदमाश का नाम पता भी जरूर मालूम कर लेती होगी लेकिन पुलिस कभी भी उस "अंधेरे का लाभ उठाकर भागने वाले कर बदमाश" को पकड़ कर उसका नाम इस तरह उजागर नहीं करती जिस तरह पहले पकड़े गये बदमाश को अंधेरे गिरफ्तार कर पुलिस अपना गुड वर्क प्रेस पता वार्ता के माध्यम से बखानती है। बदमाश जाता है को पकड़ना तो दूर उसका नाम पता तक पाते। उजागर नहीं करती है। जब भी पुलिस भागे बदमाशों के बीच मुठभेड़ होती है तो पुलिस मालूम एक प्रेस नोट जरूर जारी करती है। हर प्रैस उस नोट में एक जैसी ही स्क्रीप्ट होती है। रात्रि वाले में पुलिस चैकिंग कर रही थी। एक बाइक कर पर दो बदमाश आते दिखाई दिये। तब पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया तो वे भागने लगा। पीछा करने पर बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। इस पर पुलिस ने भी उन पर जवाबी फायरिंग की तो गोली एक बदमाश के पैर में लग गई। वो घायल होकर वहीं गिर पड़ा। जबकि दूसरा बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकला। उसकी तलाश में पुलिस ने काम्बिंग भी की लेकिन बदमाश पकड़ में नहीं आया। उसकी तलाश की जा रही है। मुठभेड़ के बाद न तो पुलिस द्वारा भागे गये बदमाश के तलाशने की खबर मिलती है और न ही वह "भागा" गया बदमाश पुलिस की पकड़ में आ पाता हैभागने वाला जबकि बदमाशों के पकड़ते समय कई पुलिस वाले होने के बावजूद दूसरा बदमाश कैसे बच कर भाग निकलता है। यह रहस्य आज तक उजागर नहीं हो पाया। आश्चर्य की बात तो यह है कि पुलिस मुठभेड़ में ईनामी या हिस्ट्रीशीटर बदमाश तो पकड़ा जाता है और उसका दूसरा साथी अंडर ट्रेनिंग होते हुये भी पुलिस को बड़े आराम चकया दे जाता है और फिर कभी पुलिस की पकड़ में नहीं आ पाता। इसकी भी दो वजह हो सकती है कि या तो दूसरा कोई होता ही नही है। पुलिस के अनुसार यदि वास्तव में दूसरा था तो फिर वह शरीफ बना गया क्योंकि बदमाश को तो पुलिस छोड़ती ही नहीं है।