अब सीधे सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में नहीं कर सकेंगे प्रैक्टिस

बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने बनाया अपने वकीलों के लिये कानून


अब सीधे सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट में नहीं कर सकेंगे प्रैक्टिस


लेना होगा पांच साल का प्रशिक्षण, नए कानून जनवरी से होंगे लागू


 सुप्रीम कोर्ट के लिए 4 साल और हाईकोर्ट के लिए 2 साल की करनी होगी प्रैक्टिस


नई दिल्ली। लोगों को इंसाफ दिलाने में मदद करने वाले वकीलों ने अब अपने लिए भी कानून बना लिए हैं। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने अब वकीलों का स्तर सुधारने के लिए कई नए नियम बनाए हैं। इसमें अब कोई डिग्रीधारक सौधे कोर्ट में नाकर प्रैक्टिस नहीं कर सकता।


प्रैक्टिस से पहले यह काम करना होगा


कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू करने के के लिए पांच साल में कम से कम 40 दिन की ट्रेनिंग का प्रावधान है। यह नियम 10 दस साल तक प्रैक्टिस करने वाले वकीलों पर भी लगाया गया है। इसका उद्देश्य वकीलों में घुसपैठ करने वाले अन्य पेशेवर लोगों और अपराध में शामिल रहने वालों को बाहर निकालना है।


सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के लिए रखी गई है यह शर्त


इसके साथ ही सीधे सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में भी प्रैक्टिस करने पर भी रोक लगाने का प्रावधान किया गया है। हाईकोर्ट के लिए वकीलों को जिला स्तर की अदालतों में कम से कम दो साल की प्रैक्टिस अनिवार्य कर दिया गया है। इसी तरह से सुप्रीम कोर्ट के लिए  हाईकोर्ट में दो साल की प्रैक्टिस का अनुभव शामिल किया गया है। इस तरह से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस के लिए दो साल जिला अदालत व दो साल हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने का अनुभव प्रमाण पत्र लेना अनिवार्य होगा। यह प्रमाण पत्र केवल उन वरिष्ठ वकीलों द्वारा ही जारी किया जाएगा जो 15 साल से अदालतों में प्रैक्टिस कर रहे हैं।


कौन देगा प्रशिक्षण और कैसे मिलेगा अनुभव प्रमाण पत्र


वकीलों के पेशे के स्तर को सुधारने के लिए पांच साल के प्रशिक्षण को अनिवार्य करने का फैसला किया जा रहा है। बार काउंसिल के अनुसार यह प्रशिक्षण सिटिंग व रिटायर्ड जज, अनुभवी वकीलों द्वारा दिया जाएगा। इसके अलावा जिला कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले नए वकीलों को अनुभव प्रमाण पत्र 15 साल से प्रैक्टिस करने वाले वकील दे सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट में वकालत के लिए अनुभव प्रमाण पत्र संबंधित हाईकोर्ट बार एसोसिएशन और हाईकोर्ट के महानिबंधक द्वारा जारी किया जाएगा।


बार एसोसिएशन व बार काउंसिल के चुनाव के नियम भी बदलेंगे 


 चार काउंसिल अध्यक्ष मनन कुमार मिश्र ने बताया कि वकीलों के लिए ये नये कानून 2020 से लागू हो जाएंगे। उनका कहना है कि जनवरी 2020 में होने वाली सभी बार काउंसिल की बैठक में इन प्रस्तावों को हरी झंडी मिल जाएगी। बीसीआई बार एसोसिएशन चुनावों में भी सख्ती करने की योजना बना रहा है। पैराशूट वकील यानी अचानक प्रकट होकर चुनाव लड़ने वाले वकीलों पर रोक लगाई जाएगी। नियमित प्रैक्टिस न करने वाले अब बार एसोसिएशन या बार काउंसिल का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।