बकायादारों पर विभाग मेहरबान,बिल जमा करने वाले हैं हैरान

प्रदेश सरकार द्वारा बकाया बिजली बिल को 24 किश्तों में जमा कराने की योजना


बकायादारों पर विभाग मेहरबान,बिल जमा करने वाले हैं हैरान


परमार्थ संदेश का सुझाव


पावर कारपोरेशन को परमार्थ संदेश यह सुझाव देता है यदि ऐसे इरादतन बकायेदारों से विभाग को सख्ती से निपटना हो तो जिन उपभोक्ताओं द्वारा तीन महीने तक बिल का भुगतान न किया गया हो उनका पेस्टपेड मीटर उतारकर उनके यहांप्रीपेडमीटरलगया देना चाहिए ताकि भविष्य में अपने घर में बिजलीजवहीजला पाएगा, जब उसके मीटर में बैलेंस होगा। इससे दूसरे लोगों को भी भव होगा।


बिजली कर्मचारियों की मिलीभगत से बढ़ रहे हैं बकायेदार


लगातार कई माह तक बिजली का बिल जमान कराने वाले उपभोक्ताओं के बरे में क्षेत्र के संविदा पर काम करने वाले लाइनमैन मीटर रीडरों को पता रहता है। यदि यही पूरी ईमानदारी से अपनाफर्ज निभालेंतोओटीएसजैसीस्कीमलने की सरकार को जरूरत ही न पड़े।ऐसा भी प्रतीत होता है कि निचले स्तर के कर्मचारियों की मिलीभगत से ही उपभोक्ता बिजली के बिलका पैस दबाए बैठे रहते हैं। इनकी भी जांच होनी चाहिए। इनकी भी जवाबदेही तय होनी चाहिए।जिस क्षेत्र में जितने ज्यादा बकायेदार हों, उस क्षेत्र के प्रत्येक कर्मचारी को भी दंड मिलना चाहिए।


गाजियाबाद। कैसे-कैसे सिस्टम लगते हैं। ओ.टी.एस. स्कीम के बाद हमारे सरकारी विभागों में है। पॉवर प्रदेश सरकार ने लम्बे समय से कारपोरेशान को ही ले लीजिए। यह बिजली का बिल न जमा करने विभाग अपने उपभोक्ताओं को पहले वालों को पहली बार नया तोहफा बिजली देता है और बाद में पैसे दिया है कि वह अपना बकाया बिल लेता है। ऐसा शायद ही कोई विभाग एक साल से दो साल तक की होगा, जो ऐसा करता होगा। बावजूद किस्तों में जमा कर सकते हैं। इससे इसके इस विभाग की दरियादिली पहले कभी प्रदेश सरकार ने ऐसी देखिए कि जो उपभोक्ता समय से स्कीम बकायादारों के पक्ष में नहीं बिल जमा नहीं करता है,उसके लिए निकाली और दूसरी तरफ वह हर साल औटीएस योजना लाता बकायेदारों से कहा जाता है कि कोई है। यानी बकायेदारों पर बिजली बात नहीं आप किस्तों में ही बिल बिल का भुगतान न करने का नो का भुगतान कर दीजिए। इतना ही अब तक ब्यान व जुर्माना पिछले नहीं बिजली विभाग के कर्मचारी सालों में लगा है, वह सब माफ। खद बकायेदार के यहां जाकर अब आप सोच रहे होंगे कि हम तो भुगतान की रसीद काटने के लिए समय से बिजली का बिल जमा पहुंचते हैं। ऐसी नाइंसाफी तो समझ करते हैं, हमें पॉवर कारपोरेशन कोई से परे है। जबकि इन बकायेदारों पर छूट नहीं देना है, उल्टे सरचार्ज और पॉवर कारपोरेशन को मेहरबानी नहीं न जाने कितने ही शुल्क बिल में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। इनके जोड़ दिए जाते हैं। ऐसे में उन न केवल कनेक्शन काटने चाहिए उपभोक्ताओं पर क्या गुजरती बल्कि उन्हें आगे कनेक्शन न देने होगी,जो घंटों तक बिजली दफ्तर में के लिए ब्लैकलिस्ट किया जाना बिल जमा करने के लिए लाइन में चाहिए। तब बकायेदार को पशाताप होगा कि उन्होंने वास्तव में बिल विभाग के पास नहीं होता है जबकि विद्युत बिल को रोककर, स्कीम भरने में जानबूझकर देरी न करके बकायेदारों पर पूरी मेहरबानी दिखाई आने पर जमा करने की प्रतीक्षा नहीं गलती की है। जब तक सख्ती नहीं जाती है। करेंगे। विद्युत विभाग के पास की जाएगी तब तक बकायेदारों की सरकार की इस तरह की अधिकारियों की लम्बी फौज के संख्या कम होने वाली नहीं है। वहीं योजनाओं से प्रदेश के नियमित साथ-साथ पुलिस का भी अलग से समय पर बिल भुगतान करने वाले विद्युत बिल जमा करने वालों का एक बड़ा विभाग है। इन सबके होने के नसीब में धन्यवाद तक का शब्द मनोबल गिरेगा, वे भी भविष्य में हुए विभाग का पैसा क्यों बकाया रह प्लेटफार्म जाता है? क्यों नहीं ऐसे बकायेदारों इसी का तुरन्त विद्युत कनेक्शन काट कर पुलिस की मदद से पैसा क्यों नहीं वसूल किया जाता। न परेसरकारी विभाग नहीं कहा नहीं करते ऐसा में जब आप रेलगाड़ी में बैठते हैं बगैर तो पहले टिकट लेते हैं। इतना ही हैनहीं सिर्फ रेलवे प्लेटफार्म पर भी जाने के लिए पहले आपको पकड़े प्लेटफार्म टिकट लेना पड़ता है। पड़ती है। वहीं पॉवर कारपोरेशन पूरे इसी तरह रोडवेज बसों में बढ़ते ही माह आपको बिजली देता है, पैसों आपसे कंडक्टर टिकट के पैसे मांग का तगादा भी दो-तीन माह तक नहीं लेता है, चाहे आपको सीट मिले या किया जाता, फिर भी उपभोक्ता न मिले, लेकिन बस में पैर रखा बिजली का उपभोग करता रहता है। नहीं कि आपसे टिकट लेने को यानी बकाया चड़ता रहता है। कहा जाता है। मॉल्स-मल्टीप्लेक्स उपभोक्ता भी आराम से बैठा रहता में भी सामान खरीदोगे तो पैसे दिए है और बिजली विभाग के बगैर आप वहां से नहीं आ सकते अधिकारी भी आराम से बिल चड़ने है। मूवी देखने के लिए पहले टिकट देते रहते हैं। लगता दोनों भविष्य में लेना होता है। आप बिना टिकट व्याज माफी योजना आने की प्रतीक्षा पकड़े जाते हो तो पैनल्टी देनी करते हैं।