एसएसपी ने अपने ही विभाग के भ्रष्ट पुलिस कर्मियों पर कसी नकेल
दागी कर्मियों को भगौड़ा घोषित कर,रखा इनाम
प्रदेश में पहली बार दिखाई दे रहा है पुलिस पर पुलिस का सख्त चेहरा
पुलिस कप्तान द्वारा लिए गए निर्णयों की चंहुओर हो रही है तारीफ
इस तरह के मामले पहले दबाए जाने से भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के बढ़ रहे थे हौंसले
गाजियाबाद। अपनी गाजियाबाद पुलिस आजकल बेहद चर्चाओं में है। एक तरफ जहां भ्रष्टचार में लिप्त इंस्पेक्टरों व दरोगाओं को लेकर है तो दूसरी और पहली बार प्रदेश में पुलिस कप्तान द्वारा 'पुलिस' पर ही 'चोट' करने को लेकर है। भ्रष्टाचार में लिप्त पाए गए इंस्पेक्टरों व दरोगाओं पर न केवल बदमाशों की तरह ही इनाम घोषित किया गया है बल्कि उन्हें सस्कैंड कर शासन को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए सख्त टिप्पणी के साथ पत्र लिखा गया है। इन्दिरापुरम व लिंक रोड थाने के प्रभारी निरीक्षकों लक्ष्मी चौहान व दीपक शर्मा व उनके साथ भ्रष्टाचार में लिप्त दरोगाओं के खिलाफ उन्हीं की तैनाती वाले धानों पर एफआईआर दर्ज कराई गई। सस्त अनुशासन के लिए जाने जाने वाले एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने आरोपी इंस्पेक्टरों व अन्य पुलिसकर्मियों को न केवल सस्सेंड किया बल्कि उनकी गिरफ्तारी पर 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। प्रदेश पुलिस के इतिहास में यह पहली बार गाजियाबाद में देखा जा रहा है कि पुलिस कसान जितने अपराधियों के खिलाफ सख्त रहते है। उतने ही वह भ्रष्ट पुलिस कर्मियों के खिलाफ हैं। बता दें कि हाल ही में लिंक रोड थाने की तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक लक्ष्मी चौहान पर 70 लाख रुपये और इंदिरापुरम थाने के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक दीपक शर्मा व दरोगा संदीप तथा सचिन पर 12 लास 20 हजार रुपये के गबन का मामला सामने आया था। इन दोनों ही मामलों में एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने सख्त कार्रवाई करते हुए पहले लाइन हाजिर किया और बाद में जांच में आरोप सिद्ध होने पर उनके खिलाफ उन्हीं के थानों में एफआईआर दर्ज कराकर सरसेंड किया। इतना ही नहीं बार-बार दबिश के दौरान फरार हो जाने पर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने लक्ष्मी चौहान समेत पांच पुलिसकर्मियों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया लेकिन जिस दिन इनाम घोषित हुआ उसी दिन मेरठ की अदालत में लक्ष्मी चौहान व उसके साथियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। शनिवार को पुलिस ने कोर्ट से लक्ष्मी चौहान को रिमांड पर लेकर लंबी पूछताछ की। इसी तरह इंस्पेक्टर दीपक शर्मा व भ्रष्टाचार में संलिप्त उनके दो दरागाओं पर भी 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया है। दीपक शर्मा व दोनों दरोगाओं को अभी गिरफ्तार नहीं किया ना सका है लेकिन एसएसपी की इस कार्रवाई की चहुंओर प्रशंसा हो रही है। पुलिसकर्मियों पर पहले भी भ्रष्टाचार के अरोप लगते रहे हैं लेकिन पुलिस के द्वारा पुलिस के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई पहले न कभी सुनी और न ही देखी गई है। चर्चा में आने पर ऐसे मामलों को दबा दिया जाता था या मामले को पर्दै के पीछे ही रफा-दफा कर दिया जाता था लेकिन पहली बार किसी कप्तान ने अपने प्रष्ट विभागीय अधिकारियों को गिरफ्तारी पर ईनाम का ऐलान किया है। अभी तक तो पुलिस विभाग ही कुख्यात बदमाशों के खिलाफ इस तरह के ईनाम की घोषणा करती थी लेकिन गाजियाबाद में पहली बार इस तरह की कार्यवाही हो रही है। गाजियाबाद के एसएसपी यानी कप्तान सुधीर कुमार सिंह की इस कर सख्त कार्यवाही का आम जनता, जनप्रतिनिधियों व समाज के सम्माननीय व्यक्तियों ने स्वागत एसएसपी किया है। प्रशंसा परमानेंट अपराध छुड़ाने दिखाई का नायाब तरीका उनके कार्यकाल में गानियाबाद में कानून-लावस्था की स्थिति पूरी । तरह नियंत्रण में दिखाई दे रही हैऔर उन्होंने स्पष्ट संकेत दिये हैं कि जब तक वह यहां रहेंगे तब तक नता, यहां पर कोई उल्टा-सीधा काम नहीं चलने वाला। एसएसपी ने इससे पहले असामाजिक तत्वों को परमानेंट अपराध से दूर करने का नायाच तरीका अपनाया है। उनके निर्देशन में अब तक 60 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ के बाद पकड़ा गया है। मुठभेड़ के दौरान पकड़े गए सभी बदमाश पैर में गोली लगने से घायल हुए हैं। घायल हुए बदमाशा जेल में अपने किए पर तो पछता ही रहे होंगे साथ ही उनके दिल और दिमाग पर गाजियाबाद पुलिस का खौफ भी दिखाई दे रहा होगा। साथ ही जेल से छूटने के बाद भी शारीरिक रूप से भविष्य में अगला अपराध करने की स्थिति में नहीं रहेंगे। कानून तोड़ने वाले कोई भी हों,बख्शे नहीं जाएंगे अपराधियों पर सख्ती दिखाने के बाद विभागीय अधिकारियों पर भी सख्ती दिखाने में पीछे नहीं रहने वाले कप्तान ने गैरकानूनी कार्य करके पुलिस को चकमा देने वाले अपने ही विभाग के दो अधिकारियों कई पुलिसकर्मियों के खिलाफ इनामी घोषणा करके पारदर्शिता दिखाई है कि वह कानून तोड़ने वाले किसी भी शख्स को बख्शाने वाले नहीं हैं चाहे वह पुलिस विभाग का अधिकारी ही क्यों न हो? एक लॉबी क्यों कर रही कप्तान का विरोध , बाल पुलिस को दो अधिकाफ महानगर के कप्तान सुधीर कुमार सिंह की यह कार्यवाही पुलिस विभाग के ही कुछ कर्मियों को पसंद नहीं आ रही है। बताया जा रहा है कि एक लॉबी कप्तान के इस आदेश का विरोध कर रही है। उनका मानना है कि इस तरह की कार्रवाई से विभाग की बदनामी हो रही है। अभी तक तो किसी कसान ने ऐसा नहीं किया है। इस लॉबी को लेकर लोगों में तरहतरह की चर्चाएं हैं। पीशारशीभी शाप लपेटे में जांच बता सूत्रों के अनुसार कमान के ही पीआरओ फकज कुमार नेही एसएसपी के खिलाफ व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज वावरत किये।यनों का चार्जदेने में भ्रष्टाचार के मैसेज वायरल करने में पीआरओ को दोषी पाया गया है और उनके खिलाफ जांच बैठादी गई है। एसपी सिटी ने इस मगलेकीजवकरली है। उनका कहना है कि थाने का पीआरओम कुमार वर्जन मिलने की हवाज्ञामेपकजकुमारनेमेसेजवायरल किये थे।एसपी सिटी का कहना है कि पीआरओ इस मामले में अपने ववव में कुछ भी ही कह पाए और उन्होंने एक तरह से अपने अपराध को स्वीकार कर लिया है।