कविनगर के रेजीडेंट्स ने ली चैन की सांस

प्रेरणा वृद्धाश्रम खाली होने से आई ब्लॉक


 कविनगर के रेजीडेंट्स ने ली चैन की सांस


संचालक तरुण गुप्ता 'मानव' के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज पुलिस कर रही है तरुण की तलाश जिस कोठी में यह आश्रम संचालित है, उस पर भी अवैध कब्जा किए जाने की आशंका 35-40 बुजुर्गों की इस आश्रम में मृत्यु की है चर्चा लोगों ने जांच कराने की मांग उठाई


  गाजियाबाद। कविनगर आई ब्लॉक में प्रेरणा संस्था द्वारा संचालित वृद्धाश्रम प्रारंभ से ही विवादों में रहा है। कविनगर के जिस आई ब्लॉक में यह वृद्धाश्रम स्थापित है, उसके आसपास के लोगों को भी आश्रम की गंदगी व अव्यवस्था को लेकर शिकायतें रही हैं, जिसके लिए कई बार आरडब्ल्यूए ने तरुण को चेतावनी भी दी थी। पहले तो लोग कॉलोनी में अच्छा व सामाजिक कार्य होने पर क्षेत्र को गौरवान्वित महसूस करते थे क्योंकि उस संस्था के अच्छे कार्य के कारण अच्छे लोगों का आना-जाना लगा रहता था लेकिन धीरे-धीरे आई ब्लॉक के ही लोगों का भ्रम टूटने लगा और उनके काले कारनामे उजागर होने लगे। आई ब्लॉक कविनगर के आम नागरिकों की तो बात ही छोड़ दीजिए इसके आश्रम के करीच में ही पूर्व मंत्री सतीश शर्मा का निवास है, वह इस आश्रम के संचालक से इतने दुखी हो गए कि उन्हें परेशान होकर जिला मनिस्ट्रेट अनय शंकर पांडेय से शिकायत करनी पड़ी। जिस आई ब्लॉक में यह आश्रम चलाया जा रहा था वहां के आरडब्ल्यूए के सभी सदस्य व पदाधिकारी, इस आश्रम से बेहद प्रस्त थे। परमार्थ संदेश को आई ब्लॉक के निवासियों ने बताया कि आश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को कोई ध्यान नहीं रखा जाता था, रानों को भी उनके दर्द से चीखने-चिल्लने की आवाजें आती रहती थीं। चर्चा है कि पिछले एक वर्ष में यहां 35-40 बुजूगों की मौत हो चुकी है, उनकी मृत्यु के क्या कारण रहे इसकी जांच होनी चाहिए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन शर्मा का निवास भी इसी आई ब्लाक में आश्रम के नजदीक ही है। उनका कहना है कि यह सेवा का आश्रम नहीं था बल्कि तरुण ने इसे अपनी कमाई का जरिया बना रखा था। इन बुजुर्गों को सामने दिखाकर वह सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से पैसा एकत्र करता था। संचालक का कोई अपनी आजीविका का दूसरा साधन नहीं है। उसकी आजीविका आश्रम के चंदे से ही चलती थी। भवन का नहीं है कोई मालिक आई-75 कविनगर में यह आश्रम के जिस भवन में चलाया जा रहा था, बताया जाता है कि उसका मालिक कोई उत्तर प्रदेश सरकार में हॉटीकल्चर विभाग के उच्च पद पर था, जिसका यहां पहले कभी-कभी आना होता था। उसने एक स्थानीय व्यक्ति, जिसे लोग केवल उसे 'त्यागोजी' नाम से जानते हैं, को केयरटेकर नियुक्त किया हुआ था। पड़ोस में रहने वाले उत्तर प्रदेश सरकार में पूर्व मन्त्री सतीश शर्मा ने पुष्टि करते हुए कहा कि पिछले काफी सालों से निकलवा भवन के स्वामी को उन्होंने आते हुए नहीं देखा है। हो सकता है कि उसकी मृत्यु हो गई हो क्योंकि वह बुजुर्ग थे। साथ ही पूर्व मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि भवन स्वामी का एक बेटा था जो शायद विक्षिप्त करने साथ था। इस कारण इस भवन का कोई दावेदार न होने का फायदा, यह तरुण उठा सक्रिय रहा है। आरडब्ल्यूए आई ब्लाक व पवन को शर्मा जीडीए में भवन की पत्रावली वह निकलवा कर अग्रिम कार्यवाही सुनिशित कार्यवाही 


एक साल में हो चुकी हैं35-40 मौतें आई ब्लॉक कविनगर आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष वाईके जैन ने बताया कि इस वृद्धाश्रम से कॉलोनी के सभी लोग परेशान ये क्योकि वृद्ध मरीज उचित इलाजन होने से रात को दर्द से चीखते-कराहते थे, जिससे लोग वैन से सो भी नहीं पाते थे। श्रीजैन ने बताया कि संचालक तरुण ने उन्हें सबके सामने यह स्वीकार कियाथ कि उसके इस वृद्धाश्रम में अब तक 3540 बुजर्गा की मौतें भी हो चुकी हैं, जो कि स्वयमे एकजाच का विषय है। एक वृद्धाश्रम में 35-40 बुजुर्गों की मौत एक सामान्य घटना नहीं है। करने की तैयार कर रहे हैं। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है। सूत्रों ने बताया कि तरूप को पुलिस द्वारा तलाशा जा रहा है। यदि वह सम्पर्क नहीं करता है तो कानूनी कार्यवाही की जाएगी।