सरकारी संपत्ति का हर्जाना सुनकर तौबा कर रहे हैं बलवाई

रंग ला रहा है सीएम योगी का ऑपरेशन भरपाई'


सरकारी संपत्ति का हर्जाना सुनकर तौबा कर रहे हैं बलवाई


• उत्तर प्रदेश के 21 पर सरकारी सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई का अभियान हुआ प्रारम्भ


लखनऊ। नागरिकत्ता संशोधन कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक हिंसा व आगजनी का ताण्डव किया गया। प्रदर्शनकारियों ने पथराव व आगननी करके सरकारी संपत्ति और निजी सम्पत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बहुत ही सख्ती से सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की निजी सम्पत्ति कुर्क करके नुकसान की भरपाई का सख्त आदेश दिया था। अब पूरे प्रदेश में जिला एवं पुलिस प्रशासन ने सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले प्रदर्शनकारियों को पहचान कर उनसे भरपाई करने के लिए कानूनी कवायद तेज कर दी है। पुलिस एवं प्रशासनिक अफसरों की कार्रवाई का असर अब बलवाइयों में दिखने लगा है। बुलंदशहर के उपरकोट में 20 दिसम्बर को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसक भीड़ ने पुलिस का वाहन फूंक दिया था और पुलिस वालों पर जमकर पथराव भी किया था। इस घटना के बाद मेरठ के डीआईजी ने घटना का मुआयना किया और सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई करने के लिए निर्देश दिये तो वाहन फूंकने वालों में कानून की दहशत सी व्याप्त हो गई। उन्होंने मामला डीआईजी के समक्ष नुकसान की इसके भरपाई करने और घटना का करके पचाताप करने का प्रस्ताव रखा। चुका दंगे के बाद जब पुलिस प्रशासन ने किया नोटिसबानी की तैयारी करली तो इन लोगों को लगा कि कोर्ट में कचहरी के चकर, सम्पत्ति की को कुकी से लेकर बहाली तक का पहुंचाया रही मामला बहुत महंगा पड़ सकता है। इसके बाद सभी ने राय-मशविरा ज्यादा करके फूंके गये वाहन की कीमत वही चुका कर सुर्सियां बटोरने का काम किसी किया है। अब इसके अलावा पूरे उत्तर प्रदेश परिवारजन में जहां-जहां भी सरकारी सम्पत्तियों गये को बलवाइयों द्वारा नुकसान सख्त पहुंचाया गया है, वहां-वहां उनकी में पहचान करके सरकारी नुकसान की भरपाई के लिए नोटिस दिये जा रहे हैं। यही कारण है कि पुलिस की चिंगरावठी इस सख्त कार्यवाही के कारण ही इंस्पेक्टर इस शुक्रवार को किसी भी हिम्मत इसी नहीं हुई कि जरा सी भी ची-चुपड़ कर सके। लखनऊ, रामपुर, फिरोजाबाद, गानियाबाद, मथुरा, आगरा समेत 21 जिलों में प्रदर्शनकारियों के उनके क्षेत्र में होर्डिंग लगवा कर पहचान की जा रही है। पूरे प्रदेश में एक हजार से ज्यादा लोग दबोच लिये गये हैं, ये वही लोग हैं जो प्रदर्शन के दौरान किसी की नहीं सुन रहे थे लेकिन अब प्रदर्शनकारी व उनके प्रशासन परिवारजन सभी बैकफुट पर आ गये हैं। मुख्यमंत्री योगी की इस सख्त कार्यवाही से प्रदर्शनकारियों में दहशत है। दिया इससे पहले इसी बुलंदशहर में 3 दिसम्बर 2018 को जनपद के चिंगरावठी गांव में एक पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या इसी तरह की उग्र भीड़ ने कर दी थी। अब सवाल उठता है कि उस समय इस जिले के प्रदर्शनकारियों ने पुलिस इंस्पेक्टर की हत्या कर दी थी, क्या उसकी मौत के जिम्मेदार यदि पशाताप कर भी लेते तो वो इंस्पेक्टर को वापस कहां से लाकर देते। जब ये प्रदर्शनकारी फूंकी गई गाड़ी के उस मॉडल को नहीं ला सके तो उस इंस्पेक्टर का कहां से लाकर दे पाते। इसलिए अच्छा तो यही होगा कि उन्होंने जिला प्रशासन को फेंकी गई गाड़ी टाटा सूमों के उस मॉडल की कीमत 6.27 लाख रुपये देते समय जो दुबारा ऐसा प्रदर्शन करने का वचन दिया है उस पर कायम रहें।


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