तो पुलिस लेगी खबर तुम्हारी

बूढ़े माता-पिता की नहीं उठाओगे जिम्मेदारी


तो पुलिस लेगी खबर तुम्हारी


माता-पिता का बुढ़ापा बिगाड़ने वाले बच्चों की नकेल कसने के लिए लोकसभा में बिल पेश


सास-ससुर के भरण-पोषण की जिम्मेदारी होगी पुत्रवधू और दामाद पर


बच्चों की आर्थिक स्थिति के अनुसार भरण-पोषण की राशि होगी अब निर्धारित


नई दिल्ली।अब बच्चे ते अपने बुद्दे माता-पिता की सेवा, तक कुछ परिवर मे मिले संस्कारोको आगे बटाते हए करते है। इसके विपरीत कछ बेटे बहू ऐसे भी है जो संस्कार विहीन है लेकिन समाजव अडोस-पडोस के हर से कि समाज उन्हें क्या कहेगा, इस कारण अपने माता-पिता का घोड़ा बहुत ख्याल रखते हैं। वही इसके विरीत आज बदलते राशि होगी अब निर्धारित परिवेश में अधिकतर समान्न परिवरो के बच्चे योग्य होने पर आपने मता-पिता की देखभालकरनातोदूर उनकेभरण-पोषण की भी चिन्तानकी करते हैं और कुछ अति नालायक बच्चे तो इससे भी आगे निकल गये हैजे अपने बदे माता-पिता की सम्पत्ति हड़पकर उन्हें वृद्धाश्रम भेज देते है। अब ऐसेनालायक बच्चे की कानूनी रूप से खबर लेने के लिये, सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है।इस लोकसभा म एक ऐस ही सामजिक बिल पेश किया गवाह, जिसमें बुदे माता-पिता का भरण-पोषण नकरने अवचा उनको प्रताड़ित करने वाले बच्चे को 6 माह तक की जेल का प्रावधान विल मे किया जा रहा है। बच्चों के दायरे में अब बुजुर्गों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी अब बेटा-बेटी पर ही नही होगी बल्कि उन्हें लगकरने पर पुत्राचू वदामाद तक भी नाम दिये जायेंगे। इसके लिए 6 माह तक के कारागार की भी सज बेटे-बहु व दामाद को भी दी जा सकती है। बच्चों की आर्थिक स्थिति के अनुसार होगी भरण-पोषण की राशि अबतकके कानून मेंदसहजार रुपयेतक की राशिहीभरण-पोषाकाखर्व देने की अधिकतम सीमा थी, जिसे नये दिल में समाप्त कर दिया गया है तथा अबबच्चों की आर्थिक स्थिति की गणन व उनकी मासिक आय के अनुसार ही मात-पिता कोरवा देने का अदालत कैसलाकरेगी तथालिसभी60दिनों में वरिष्ठ नागरिक कीन केवल शिकायों दूर करेगी बल्कि उन्हें सुरक्षाभीदेगी। इससे उनबुजुर्गों की जिंदगी में एक किरण जरूर जगेगे जिससे उन्हें उजियारा दिखाई दे।