उद्धव ठाकरे ने किया साईं जन्मस्थान के उत्थान का अनुरोध
शिरडी में क्यों हो रहा विरोध कहीं इसके पीछे चढ़ावे व कारोबार कम होने का डर तो नहीं
नई दिल्ली। शिरडी के व्यापारियों का साई बाबा के जन्म स्थान इतना कड़ा विरोध क्यों किया जा रहा है? शिरडी के नागरिकों साई बाबा के जन्म स्थान के विरोध में सड़कों पर उत्तर आए हैं और पहली बार मंदिर के लिए चंद जैसे आंदोलन को देखा जा रहा है। शिरडी के नागरिकों द्वारा साई बाबा के जन्म स्थान पर विकास योजना के विरोध को पूरे देश में आशय से देखा जा रहा है। पूरे देश में जब साई बाबा के मंदिर बने हुए हैं, उनको लेकर कभी विरोध नहीं हुआ अब उनके जन्म स्थान पर रदि कोई मंदिर बनता है और उसका विकास सरकार करती है तो उसका विरोध क्यों किया जा रहा है। इसकी मुख्य वजह यह बताया जा रहा है कि यहां आने वाले भक्तों द्वारा चढ़ाया जाने वाला अकूत चढ़ावा और इन भक्तों की जरूरत की वस्तुओं के कारोबार का बंटवारा हो सकता है। महाराष्ट्र सरकार की 100 करोड़ की योजना से यदि साई बाबा के जन्मस्थान का प्रचार-प्रसार या महत्त्व बड़ गया तो शिरडी का कारोबार चौपट भी हो सकता है। कहीं इसके इसी आशंका को देखने हुए शिरडी के ट्रस्ट और वहां कारोबार करने वालों ने बंद करके विरोध जताया है। 2018 में नव राष्ट्रपति शिरही के दौरे पर गये थे और उन्होंने जब साई बाबा के जन्म स्थान जन्म स्थान साई पाथरी के विकास की बात कही थी तब भी शिरडी के लोगों ने विरोध किया था। इस साई विरोध का कारण यह बताया जा रहा है कि पर शिरडी में 2018 में 285 करोड़ का चढ़ावा लिए आया था और 2019 में 287 करोड़ का । चडावा तथा 19 किलो सोना और 392 जन्म किलो चांदी भेंट स्वरूप आई थी। इसी तरह लाखों भक्तों के दर्शन के दौरान यहां के देश कारोबारियों का भी अरबों रुपये का व्यापार , होता है । शिरडी की आय का दूसरा कोई अब स्रोत नहीं है यहां के नागरिकों व व्यापारियों बनता को अपना साई बाबा के नाम पर होता तो व्यापार बढ़ता दिखाई दे रहा है। इसकी शिरडी के लोगों के कड़े विरोध को यहां देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने नरम रुख वाला अख्तियार कर लिया है और सरकार विरोध जरूरत करने वालों से 20 जनवरी सोमवार को हो बातचीत करने को तैयार हो गई है। महाराष्ट्र करोड़ के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि जन्मस्थान सोमवार को दो बजे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री तो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिरडी में विरोध । प्रदर्शन कर रहे लोगों से बातचीत करेंगे।
होगे तो साई बाबा कैसे खुश रह सकते हैं। दरअसल यह विवाद उस समय पैदा हुआ जब उद्धव ठाकरे ने साई बाबा के जन्म स्थान परभणी जिले के पाथरी में साई बाबा से जुड़े स्थान का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा की। कुछ श्रद्धालु पाथरी को साई बाबा का जन्मस्थान मानते हैं, जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि उनका जन्मस्थान अज्ञात है। शिरडी स्थित श्री साई बाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने कहा कि 'मुख्यमंत्री को साई चाचा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी बयान को वापस लेना चाहिए। देश के कई साई मंदिरों में एक पाथरी में भी है। सभी साई भक्त इससे आहत हुए हैं, इसलिए इस विवाद को खत्म होना चाहिए। परभणी जिले का पाथरी शिरडी से करीब 275 किलोमीटर दूर स्थित है। ठाकरे ने इसे साई की जन्मभूमि बताया और इसके विकास के लिए 100 करोड़ रुपये का ऐलान कर दिया। यूं तो साई के जन्म को लेकर साफ-साफ जानकारी किसी को नहीं है, लेकिन कहा जाता है कि वह शिरडी आकर बस गए और यहीं के होकर रह गए। इसके बाद से शिरडी की पहचान भी साई से हो गई। सीएम के ऐलान के बाद शिरडी के निवासी नाराज हो गए हैं। शिरडी साई ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें पाथरी के विकास से आपत्ति नहीं है लेकिन उसे साई की जन्मभूमि कहना ठीक नहीं है। इससे पहले भी साई बाचा और उनके मातापिता के बारे में कई गलत दावे किए जा चुके हैं। सीएम के बयान से लोग इतने आहत हो गए हैं कि शिरडी में बंद बुला लिया गया।
दूर-दूर से आये भक्त हैं परेशान शिरडी के लोगों द्वारा दुकान, होटल अचानक बन्दकर देने से वो हजारोलंगसड़को परमारे-मारे फिर रहे हैं, जिन्होंने महीनो पहले अपना रिजर्वेशनकराकरयात्राका कार्यक्रमबना लिया था। उन्हें अब शिरडी में किसी होटल मेंनतोरुकनेको जगह मिल रही है और न ही खाने को कुछ मिल रहा है। इस तरह से ये शिरडीनिवासी साईबाबा का भी अपमान कर रहे हैं जब उनके भक्त ही परेशान होगे तो साई बाबा कैसे खुश रह सकते हैं।
शिरडी में बंद के बीच मंदिर में लगी भक्तों की कतार महाराष्ट्र के सीएम उदय ठाकरे के सई के जन्मस्थानको लेकरदिए गए बयान के बादबवाल बढ़ता जा रहा है। आज शिरडी में बदका आयोजन किया गया है, हालांकि साईमंदिरखला है। ऐसे में मंदिर में साईके दर्शन के लिए श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर के बाहर अच्छीखासी तादाद देखी जा रही है। कतर में खहे होकर श्रद्धाल अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। शिरडी बंद के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसराहआ है.दकानें बंद है। इस बीच विवाद बढ़ता देख उद्धव ठाकरे ने बातचीत की इच्छा जताईहै ।विवादकोशेतकरने के लिए महाराष्ट्र विधानपरिषद की उपसभापति और शिवसेनाकी नेता निलम गेहे ने गुरुवार को शिरडीपहुंचकर शिरडी बंद न करने की अपील की थी।