अमेरिका ने एमक्यू-9 ड्रोन का इस्तेमाल कर दिखाया भारत को ये रास्ता
विदेशों में छिपे अपराधियों की अब खैर नहीं
नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध की वजह बनी कमाउर कासिम सुलेमानी की मैत की इन दिनों काफी चाए क्लरहीं हैं। ईरान ने बदले में इराक के दो अमेरिकी ठिकानों पर 12 मिसाइलो से हमला किया। अमेरिका ने ईरान के कमंडर को जिस तरह से अपने ड्रोन से निशना बनाया है, अमेरिका ने अपने अतिउन्ना ड्रोन एमक्यू -9 रीपर से रैकी करने केबदसलेमानको मौतकीनीटसुल दिया है। अमेरिका की इस कार्रवाई से भरतकोभीएक सबक मिला है।अबभत को एक रास्ता मिल गया है,जे अपने देश से भागे वांछित अपराधियों की धरपकह आसानी से कर सकता है क्योंकि भारत के पास भी अमेरिकी ड्रोन एमक्यू-9 रीपर जैसा ही घातक ड्रोन है। भारत का घातक ड्रोन अमेरिकीएमक्यूरीपर जैस तो नहीं है लेकिन उसी तरह ही काम करता है। अमेरिकानेजवपकिस्तानमे घुसकर ओसामा बिन लादेनकोमरावतब उन्होंने अपने विमान और उसमें अपने कमांडोज भेजे थे। इससे जनहानि होने की आशंका बनी रहती है। इसलिए अमेरिका ने ईरान में जिस केवल मशीनी युद्ध शुरू करते हुए लड़ाकुड्रोन एमक्यूरीपर का इस्तेमाल किया।डोनएमवय 19रीपरकीखासबात मेंका है कि यह दुश्मन देशमे घुसने के बाद भी दुश्मन के रडार पर नहीअत है। यह रेकी करता है और हवा में काफी देर तक रह सकता है। टारगेट सामने आने पर यह वार करता है। इससे जनहानिकम से कम होती है। अमेरिका के इस अभियान से भारत कोरास्ता दिख गया है।
भारत अपनेघातक डोन से उन परचियों को साक सिवासकताहैजे भारत में अपराध करके दुसरे देशों में छिपजते हैं या शरणलेलेते हैं। घातक ड्रोन के बारे में रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड कर्नल शैलेन्द्र सिंह का कहना है किघतक दुश्मन देश की सीमा में घुसकर काफी ऊंचाई से टारगेट पर निशनलग सकता है। इसको इस तरह सेबनाया गया है कि दुश्मन के रडार की पकड़ से बहर रहता है। 30 हजार फिट ऊबई तक कीउडान भरसकता है। यह अपनेसाब15 टन तक तक के शस्त्र ले ज सकता है। इसका डिजाइन ऐस है कि दुश्मन का रहार भी नहीं पकड़ सकता। इस तरह के ड्रोन विमानों को देश के सेंटर से ऑपरेट किया जाता है। येड्रोन कैमरे और मिसाइल से लैस होते हैं। इस ड्रोन का 2019 में ही टेस्ट किया गया है।