ये कैसा कानून: 15 वर्ष पुराने वाहनों पर रोक, 30 साल पुराना उड़ रहा है विमान
हवाई यात्रियों की जान से कब तक होगा खिलवाड़
• एकबारहवामें खुल चुका हैये विमान, अब किस बड़े हादसे का है इंतजार
नई दिल्ली। हिंडन से पिथौरागढ़ की हिचकी लेती विमान सेवा का एक कड़वा सच यह सामने आया है कि ये 9 सीटर विमान लगभग 30 साल पुराना है, जो आये दिन खराव रहता है। एक बार फरवरी 2019 में हवा में इस विमान का दरवाजा खुल भी चुका है, जिससे यात्रियों की जान मश्किल में फंस गई थी। 11 अक्टूबर से शुरू हुई हिंडन- पिथौरागढ़ विमान सेवा का विमान उड़ान कम भरता है, मरम्मत में ज्यादा रहता है। इससे पिथौरागढ़ और दिल्ली आने-जाने वालों का सपना चकनाचूर हो गया है। जो घर से हवाई जहाज में बैठने का सपना देखकर निकलते हैं और हिन्ठन आकर मालूम होता है कि हवाई जहाज तो मरम्मत में है। कई बार यात्रियों द्वारा हंगामा भी किया जा चुका है। अब विमान को हकीकत सामने आ गई है तो अब वात्रियों को इस विमान से सफर करने में भी डर लगने लगा है। एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट में 15 साल पुराने पेट्रोल और 10 साल पुराने डीजल वाहनों के संचालक पर पाबंदी के लिए सख्ती दिखा चुके हैं। अब इस 30 साल पुराने कवाझा विमान को लेकर यह आशंका जताई जा रही है कि ये तो हवा में उड़ने वाला विमान है जो कभी भी बड़े किसी हादसे का कारण बन सकता है। 30 साल पुराना होने के कारण अक्सर यह विमान रोज खराब ही रहता है। इस तरह से पिथौरागढ़ का सफर कराने वाली कंपनी हैरिटेन एविएशन अपने यात्रियों को लेकर बहुत बड़ा जोखिम उठा रही है। इस बारे में उत्तराखण्ड हाईकोर्ट में पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री गणेश उपाध्याय ने इस विमान की स्थिति को लेकर चुनौती दी है और इस कंपनी का लाइसेंस निरस्त करने और जुर्माना लगाने की मांग की है। उत्तराखंड हाईकोर्ट में दर्ज याचिका में कहा गया है कि जो विमान उड़ाया जा रहा है वो 1990 में अमेरिका में बना और 1995 में बंद हो गया। मगर इसका नाम बदल कर इसको राज्य में उड़ाया जा रहा है। याचिका में मांग की गई थी कि इस कंपनी का लाइसेंस निरस्त किया जाए और इस कंपनी पर जुर्माना लगाया जाए ताकि राज्य में बड़ा हादसा होने से बचाया जा सके।
कब बना था ये विमान हिडन से पिचौरगद को उडान भरनेवल सीटर विमानबीचक्राफ्ट सुपरकिंग एयर 350 मॅडलकहा जाता है। यह विमान किंग ऐयर कंपनी बनाती थी। इससे पहले इस विमानका मॉडलनामकिंगएयर 300 हुआकरताथ, कंपनी इस विमानकाप्रोडक्शन 1988 में करती थी। बाद में इसी विमान में कुछसंशोधनयमामूली सुधार कर इसे 1990 में मार्केट में कंपनी ने इसे बीचक्राफ्ट सुपरकिंग एयर 350 के नाम से उतारा था।इस विमान का प्रोडक्शन केवल 1994 तक हीचला।इसके बाद कंपनी ने विमान में औरस्चार किये लेकिन उनके नामअलगरखे।1990 मेइसकंपनीनेसुपरकिंग एयर 350 सी के नाम से विमानलाच किया।इसके बाद अक्टूबर 2003 मे बी-300 सी किंग एयरर्स के नाम से विमान आया । अक्टूबर 2008 में बीचकाटने बी300 सीरीजके अन्य विमानं किगएवर 350आईर्कालाच किया इसके साथइस विमान के अन्य मॉडल 350 आईसी, 350 आई सीईआर मॉडलबजार में आ चुके हैं।
जहाज ज्यादातर रहा है मेंन्टीनेंस में
हिन्जन सिविल एयरपोर्ट से पिथौरागढ़ के लिये पहलीहवाई यात्रा 11 अक्टूबर कोनीसीटरहवाईजहाज से प्रारम्भहुई थी। 12 व 13 अक्टूबरको फ्लाइट लेट उडी तथ 14 अक्टूबर को विमान में खराठी आने के कारण यात्रा बाक्ति रही, जो 16 अक्टूबर तक लगातारबद रही। 17 अक्टूबर को कानी में अवकाश के कारण फ्लाइट नहीं उड़ी।18 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक हवाई सेवा सुवरु चली123 अक्टूबर को फिर फ्लाइट कैसिल हो गई। उसके बाद 29 अक्टूबरसे 10 नवम्बर के लिये एयर हैरिजेट कमानी का नसीटर विमान मरम्मत में रहने के कारण उड़ानें रदद की गई है लेकिनये उठाने 23 नवंबर तक शुरू नहीं हो सकी थी। इसके बाद दिसम्बर में भी रुक-रुककर उड़ानें कभी-कभारहो रही हैं123 दिसम्बर को उडाननहोने की वजह से पिथौरागढ़ जाने वाले यात्रियों ने हंगामा किया था। इसके बाद 29 दिसम्बर को उड़ान भरे जाने के अपुष्ट समाचार है।