'रामभक्त 'मुस्लिम देश इंडोनेशिया
जहां बालि'प्रान्त में सुग्रीव' के नाम की बनी यनिवर्सिटी
नई दिल्ली। नको प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाला देश रामभक्त हो सकता है, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती लेकिन हकीकत यही है कि ऐसा देश इसी दुनिया में है और जिसका नाम इंडोनेशिया है। यहां की करंसी पर भगवान गणेश का चित्र प्रकाशित होता है। मुस्लिम साम्राज्य होने के बावजूद यहां की सरकार आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवनचरित्र पर आधारित रामायण के पात्रों और हिन्दुत्व के प्रति विशेष लगाव रखती है। यहां का एक प्रांत ऐसा है जिसका नाम रामायण के पात्र बालि के नाम पर रखा गया है। अब इसी प्रांत में बालि के छोटे भाई सुग्रीव के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाने की मंजूरी दी गई है। इसके अलावा एक और ऐसा संयोग भी सामने आया है कि 9 नवम्बर 2019 को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के बारे में ऐतिहासिक फैसला दिये जाने के बाद 12 नवंबर को इंडोनेशिया में भारी संख्या में हिन्दुओं ने शिवमंदिर में जाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। इंडोनेशिया सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश है। लेकिन, इसकी संस्कृति में रामायण रची-बसी है। यहां की रामलीला दुनियाभर में प्रसिद्ध है। इंडोनेशिया में पहली हिंदू यूनिवर्सिटी खोली गई है। इस यूनिवर्सिटी का नाम आई गुस्ती बागस सुग्रीव स्टेट हिंदू यूनिवर्सिटी रखा गया है। पहले इस यूनिवर्सिटी का नाम हिंदू धर्म स्टेट इंस्टीट्यूट था। अब इसे राष्ट्रपति जोको विदोदो ने एक प्रेजिडेंशियल रेगुलेशन के तहत पहली हिंदू यूनिवर्सिटी बना दी है। इस रेगुलेशन के बाद इसका नाम 'आई गुस्ती बागस सुग्रीव स्टेट हिंदू यूनिवर्सिटी' रखा गया है। यह रेगुलेशन पिछले हफ्ते ही लागू किया गया है। इस यूनिवर्सिटी में एडमिनिस्टर हिंदू हायर एजुकेशन प्रोग्राम के साथ-साथ हिंदू हायर एजुकेशन प्रोग्राम को सपोर्ट करने वाले दूसरे हायर एजुकेशन प्रोग्राम भी होंगे। सुग्रीव के नाम पर इस यूनिवर्सिटी का नाम रखा गया है, वह रामायण में बालि के भाई और वानरों के राजा थे। वह किष्किन्धा में रहते थे। सुग्रीव भगवान राम के भक्त एवं सखा थे। देवी सीता को ढूँढते हुए जब भगवान राम किष्किन्धा पहुँचे थे, जब हनुमान ने सुग्रीव की मित्रता राम से करवाई थी। सुग्रीव का राज्य उनके भाई वालि ने छीन लिया था, और उनकी पत्नी रूमा को भी अपने पास रख लिया था। इसके बाद राम ने बालिका वध कर सुग्रीव की पत्नी को मुक्त कराया और उन्हें किष्किन्धा का राजा बनाया। राम- रावण युद्ध में सुग्रीव ने राम की बहुत मदद की थी। सुग्रीव भगवान सूर्य के पुत्र कहे जाते हैं। अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद इंडोनेशिया के प्राचीन प्रम्बानन मंदिर में सैकड़ों हिन्दुओं ने भगवान शिव का अभिषेक किया। मूलतः शिवगृह कहा जाने वाला प्रम्बानन मंदिर इंडोनेशिया के तीन प्रांतों स्लेमान, योग्यकर्ता, और मध्य जावा के क्लाटेन के बीच में स्थित है। यह पूजा 12 नवंबर, 2019 को सम्पन्न हुई और हिन्दुओं ने इसमें बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। हालांकि यह एक संयोग है। क्योंकि अभिषेक का आयोजन करने वाली समिति के सदस्य मदे अस्त्र तनया, उन्हें एक शिलालेख मिला था, जिसमें इस मंदिर के उद्घाटन की तारीख 12 नवंबर, 856 ईस्वी दर्ज थी। उसमें यह भी उल्लिखित था कि मंदिर की स्थापना के समय भी ऐसा ही अभिषेक और पूजा पाठ हुआ था। यह अभिषेक मातरम नामक हिन्दू साम्राज्य के स्वर्ण काल का भी परिचायक है। उस समय के हिन्दू तार अगुंग नामक एक अनुष्ठान करते थे, जिसके बारे में वे मानते थे कि इससे मनुष्यों के साथ समस्त ब्रह्माण्ड को ही पवित्र किया जाना है।
मुनि सभ्यता वाला देश है इंडोनेशिया
मुनि सभ्यता इंडोनेशिया का इतिहास बहुत ही समदशाली है। ईशापूर्व चौथी शताब्दी से ही इंडोनेशिया द्वीपसमूह एक महत्वपूर्ण व्यापारिक क्षेत्र रहा है। बुनी अथवा मुनि सभ्यता इंडोनेशिया की सबसे पुरानी सभ्यता है ।ये हिंदूएवं बौद्ध धर्मको मानरो वे।अगले दोहजारसाल तक इंडोनेशिया एक हिंदू और बौद्ध देशों का समूह रहा। यहाँहिंदू राजाओंका राजचा कितार्नेगारा और त्रिभुवना जैसे राजा यहाँ सदियों पहले राज करते थे। श्रीविजय के दैरान कोपुर्णतःसमान होगई। परंतु इंडोनेशिया चीन और भरत के सथव्यापारिक सम्बंध में आज भी हिंदू धर्म समा नहीं हुआहै। थे।इंडोनेशिया का इतिहास विदेशिय से यहाँ के लोगों और स्थानों के नाम आजभी प्रभावित रहा है, जो क्षेत्र के प्राकृतिक अस्थी एवं संस्कृत में रखे जाते हैं। यहाँ संसाधनों की वजह से खिचे चले आए। आज भी पवित्र कुरानको संस्कृत भाषा में इनमें मुस्लिम व्यापारी भी आएजो अपने पढ़ीवपटाईजाती है। यहां के प्रवीन हिन्दू साथ इस्लाम लाए। विदेशी मुस्लिम राजवंशों में श्रीविजय राजवंश, शैलेन्द्र व्यापारियों ने यहां आकर व्यापार के सब राजवंश, संजय राजवंश, माताराम अपनाचर्म भी फैला लिया जिसके कारण राजवंश, केदिरि राजवंश, सिंहत्री और यहाँकी पारंपरिक हिंदू और बैद्ध संस्कृति मजाहित सामाग्य शामिल है।