शाहीन बाग बना चुनावी रणक्षेत्र
स्थानीय लोगों का सब्रटा, विरोध में उतरे
सभी दलों के नेताओं की है शाहीन वाग पर नजर, लेकिन वोट कटने के डर से बनाए हुए हैं दूरी
नई दिल्ली। पिछले 50 दिनों से नोएडा-दिल्ली-फरीदाबाद को आनेजाने वाले रास्ते के एक छोटे से टुकड़े 'शाहीन वाग' में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शन से स्थानीय लोगों के सत्र का बांध टूट गया और वे रविवार को रास्ता सुलवाने को सड़क पर उतर आये। पुलिस वालों ने पहले तो कुछ लोगों को हिरासत में लिया लेकिन बाद में इन प्रदर्शनकारियों को धरना स्थल से दूर रखने के प्रयास किये। अब यह प्रदर्शन विधानसभा चुनाव का रणक्षेत्र बन गया है। इस आंदोलन को लेकर सभी दल राजनीति की रोटियां बहुत ही चतुराई से सेंक रहे हैं। परदे के पीछे से जहां इस आंदोलन का हवा देकर एक वर्ग के वोट के लिए बंदरबाट कर रहे है। चोट बैंक की नाराजगी आशंका के चलते बड़े नेता इस आंदोलन से दूरी बनाए हुए हैं। यही नहीं सभी दलों के बड़े नेता एकदूसरे पर इस आंदोलन को हवा देने का आरोप भी लगा रहे हैं। वहीं 50 दिनों से चले आ रहे इस प्रदर्शन ___ से तंग आये सरिता विहार क्षेत्र, आसपास के गांवों के लोगों के धैर्य का बांध अब टूट गया है। रविवार को सुबह से भारी संख्या में स्थानीय लोग सड़क पर उतर आये हैं और धरना दे रहे लोगों के खिलाफ प्रदर्शन करने एए यह मांग कर रहे हैं कि अब इन प्रदर्शनकारियों से यह सड़क खाली करवाई जाए। इन लोगों का कहना है कि प्रदर्शनकारी कालिंदी कुंज के मैदान जैसे सड़क से दूरी वाले स्थान पर अपना प्रदर्शन करें, रास्ता न रोकें। । दिल्ली चुनाव में प्रमुख दल आम आदमी पार्टी के नेता व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगया है कि यह धरना ___ भाजपा की शह पर चलाया जा रहा है और यह रास्ता 8 फरवरी तक खाली नहीं होने वाला लेकिन 9 फरवरी को वहां से सभी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया जाएगा। उन्होंने गृह मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि राजनीति करने करने के लिए दिल्ली को समस्या में न फंसायें और कानून व्यवस्था को बनाने में सहयोग करें। छोटी-छोटी बातों में प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचने वाले कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता राहुल गांधी । और प्रियंका गांधी को पिछले 50 दिनों से शाहीन बाद के प्रदशनकारियों के हाल लेने की फुर्सत नहीं मिली। इसी तरह से जेएनयू में जरा सा मामला होने पर प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पहुंचने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शाहीन बाग से दूरी बनाये हैं। इसी तरह सपा और बसपा के नेता भी खुले आम शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के बीच नहीं पहुंचे हैं। लेकिन इन सभी नेताओं ने शाहीनवाग के प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दे रखा है। 'कहीं गाड़ी पटरी से न उतर जाए' इसी आशंका को देखते हुए कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित अन्न गैर भाजपा दल के बड़े-बड़े नेता शाहीनवाग के प्रदर्शनकारियों से दूरी बनाने हुए हैं। इन प्रदर्शचारियों को लेकर कूटनीतिक चालें चली जा रही है। एकतरफ तो मूक समर्थन दिया जा रहा है ताकि अल्पसंख्यक वर्ग का बोट मिल जाए। दूसरा खुलकर इनके बीच जाने वाले नेता के दल को बहुसंख्यक वोट बैंक के कोपभाजन का शिकार होना पड़ सकता है। इसलिए कोई नेता इन प्रदर्शनकारियों के साथ में खड़ा नहीं हो पा रहा है।
प्रदर्शनकारीऔर उनकेआका अपनीहीचालमें फंसगये
चर्चा है कि शहीन्याग में प्रदर्शनकारियों द्वारा उत्तेजक व राष्ट्रविरोधी नारे लगाये जाने के बावजूद कोई सख्ती नहीं कीजरही है। इससे प्रदर्शन करानेवाले इसके आयोजक भीकापी परेशान है। इनका माननाशाकिएकसमय तक चलनेवलेइसतरह के प्रदर्शन में पतिसका धैर्यटट सकता है और वह कभीकार्रवाई होजाती और यदिऐसहोजना तो उन्हें सहानुभूति जुटाने का मौका मिलजता लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है। अब ये आयोजक कह चाह रहे हैं कि चुनाव से पहले किसी तरहका टकराय हो और उनपर ज्यादतीहोजाए.जिसकामात्रीलाभ मिल सके लेकिन दिनीकी पुलिस केन्द्र सरकार के पास है और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह माहिर राजनीतिज्ञ है। ये ऐसा नही होने देंगे। इससे भाजपाको कितनलममिलेगाइसबातकापना 11 फरवरीकोलग पाएगा।
देंगे। इससे भाजपाको कितनलममिलेगाइसबातकापना 11 फरवरीकोलग पाएगा। जवाबी धरना प्रदर्शन से चुनाव में पड़ सकता है असर रास्ता खुलवाने के लिए दिया गया अल्टीमेटमकासमयदेफरवरी रविवार को समाप्त हो गया है। रास्तनही खुलने पर रविवार की सुबह दर्जनों लोग ने 50 दिन से चले आ रहे धरने के खिलाफ प्रदर्शन किया ते शाहीन वग की बैरिकेडिग के पास से 52 प्रदर्शनकारिखें को हिरासत में ले लिया गया। इस खबर से भड़के सैकड़ों लोग ने उस क्षेत्र को घेर लिया और रास्ता खुलवाने के लिए नारेबाजी शुरू कर दी। लगभग एक हजार प्रदर्शनकारियों ने दिनपर पुलिस के साथ धक्कामुक्की की शहीनवगकारास्ता खुलवाने की मांगके समर्थन में नारेबाजी की। यदिऐसामील चलता रहातो आनेवाली Bफरवरी को होने वाले मतदान में असर पड़ सकता है। बनाने हुए हैं।