खूबसूरती के चाहने वालों के लिए
गधी का द्ध लगाओ और खूबसूरती पाओ
2000 रुपये प्रति किलो बिक रहा है गधी का दूध
गाजियाबादमानव अपने चेहरे पर पललाने के लिए क्या-क्या उपाय यपालापा चगण नामा पिग मगर लाषा ग्लो लाने के लिए क्या-क्या उपाय नहीं करता। कोई व्यूटी पार्लर जाकर लाखों रुपये खर्च करते हैं तो कोई प्राकृतिक फल, सब्जियों के रसौं व छिलकों से चेहरे पर चमक लाने के लिए प्रयासरत रहते हैं लेकिन फिर भी यदि उनके चेहरे पर खूबसूरती नहीं आ रही हो तो ऐसे लोगों के लिए एक सुशखबरी है कि वे अपने पड़ोस के किसी ऐसे मोहल्ले की तलाश करें जहाँ कुम्हार लोग रहते हों तथा उनके पास जवान गधी हो जो दृध देती हो तो उसका दूध खरीद कर आप चेहरे पर लगाकर सुन्दर दिस सकते हैं। यह दावा हमारा नहीं बल्कि नोएडा में सौन्दर्य प्रसाधन बनाने वाली एक प्राइवेट कम्पनी की फाउंडर पूजा कौल का है। न केवल दाया बल्कि ये मोहतरमा तो डासना में रहने वाले वसीम से 2000 रुपये प्रतिकिलो का लालच देकर गधी का दृध भी खरीद रही हैं। पूना कौल का तो वहां तक कहना है कि गधी के दुध में आर्गेनिक हैं। गधी के दूध में नीम, एलोवेरा, चंदन, पपीता, पाउडर, बादाम का तेल, हल्दी को मिलाया जाता है। गधी के दूध से बने साचून व क्रीम से बनाया जाता है कि इसे लगाने से झुर्रियां कम हो जाती हैं। गजब की बात है कि पूजा कौल के इस दावे को सरकारी विभाग में मुख्य पशु चिकित्सक डॉ. विजेन्द्र त्यागी ने भी गधी के दूध को पौष्टिक बताया है। उनका कहना है विटामिन गधी के दूध में ए.बी.बी-2, बी-6, सी, डी, ई व ओमेगा-3 व ओमेगा- 6, कैल्शियम जैसे एलीमेंट होते हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि गधी को दूध एंटी एजिंग तत्वों व विटामिन से भरपूर होता है। डासना निवासी गधी पालक वसीम, अपनी गधियों के दूध का दाम दो हजार रुपये किलो वसूल रहा है। बताया जाता है कि जिस पशु का हम मजाक बनाते हैं, उसकी बाजार में कीमत 80 हजार तक होती है।
कंपनी 24 गधी पालकों
दिली-नोएडा में सौन्दर्य प्रसाधनबनाने वाली एक कंपनी को उसकी जरूरत के अनुसार गवी का दूधनही मिल पा रहा है।यह कंपनी गवी पालकों को 2000 रुपये प्रतिकिलोतक कीमत देरही है।यह कम्पनी नोएडावडासना के 24 गवी पालकों से गधी कादुव खरीदरही है। फिर भीपुर्ति नहीप रही है। अबतक देखादेखी दुसरीकंपनियां भी गधी के दुव को अपने उत्पादनों में प्रवेगकरने के लिए उत्तर गईहैं।
गधी पालकों की हो रही है चांदी
दिन में गवो से भट्ठों पर ईंट इवर से उधर पहुंचकर जो कुम्हार पहले पहले 250-500 रुपये मुश्किलसे कमापतेथे वे अबगवीकाधबेचकर 20-25 हजार रुपये महीनाकमारहे हैं। बताया जाता है कि एक गधी बच्चेको जन्म देनेके पंचमाह तक हीदुध देती है। एक दिन में एक गधी लगभग 400 से 500 ग्राम तक ही दूध दे सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार गवी के दूध में गाय, भैंस, बकरी के दूध से 74 प्रतिशत अधिक लैक्टोज होता है।