हो सकती  है कांटे की टक्कर

शिक्षक वर्ग एम.एल.सी.चुनाव में इस बार


हो सकती  है कांटे की टक्कर


 48 साल से लगातार विधायक रहे ओमप्रकाश शर्मा की जीत नहीं है आसान


गाजियाबाद। 2014 के बाद मेरठसहारनपुर मण्डल से विधानपरिषद शिक्षक वर्ग के चुनाव अप्रैल माह में होने की संभावना है। इन चुनावों में दुसरे प्रत्याशियों द्वारा भी इस बार कड़ी मेहनत की जा रही है। पहली बार इन विधानपरिषद चुनावों को राजनैतिक दलों द्वारा भी समर्थन दिया जा रहा है जबकि पहले कभी ऐसा नहीं किया गया लेकिन इस समर्थन का मतदाता शिक्षक पर ज्यादा प्रभाव इसलिये नहीं पड़ना है कि एक तो वह चुनाव बैलेट पेपर से होता है, दूसरे, बैलेट पेपर पर प्रत्याशी के सामने किसी भी राजनैतिक दल का चुनाव चिन्ह नहीं छपा होता है। बैलेट पेपर पर केवल प्रत्याशी का विधान नाम ही, उसकी पहचान होता है। वैसे तो शिक्षक व स्नातक कोटे से दोनों विधायकों के चुनाव साथ-साथ अप्रैल परिषद में होने हैं लेकिन दूसरे स्नातक वर्ग से विधान परिषद सदस्य के चुनाव के कड़ी मुकाबले शिक्षक वर्ग के प्रत्याशियों को, 48 साल तक लगातार विधान परिषद शिक्षक कोटे से विधायक रहे ओम प्रकाश शर्मा को हराने के लिए के वोटों कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। हजार कुल कितने हैं वोटर मताधिकार संभावना वेशक यह चुनाव दो कमिश्नरी लोकसभा के अन्तर्गत आने वाले 9 जिलों के मुश्किल शिक्षकों के वोटों पर लड़ा जायेगा। लेकिन जितना इस चुनाव का क्षेत्र बना है, उतने ही इस चुनाव में वोटर कम हैं। इस बार के चुनावों में शिक्षक वर्ग से मात्र तीस हजार एक सौ वोट वर्तमान बने हैं। जो कि नौ जिलों में शिक्षकों द्वारा अपने-अपने प्रत्याशी के समर्थन में डाले जाएंगे। इससे ज्यादा चौकाने वाले वाली बात यह है कि इन तीस हजार साथ वोटों में से लगभग चौदह-पन्द्रह शिक्षक हजार वोटरों द्वारा ही अपने मताधिकार का प्रयोग किये जाने की मोदीनगर संभावना है क्योंकि सामान्य शिक्षक लोकसभा व विधानसभा चुनावों में समक्ष मुश्किल से 60 प्रतिशत तक मतदान हजार हो पाता है जबकि उन चुनावों में वोट बोट डलवाने हेतु बहुत ज्यादा प्रयास हैचुनाव आयोग द्वारा किये जाते हैं। शिक्षक वर्ग से ओम प्रकाश शर्मा के सामने चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशी जहां पूरा पसीना बहा रहे हैं, वहीं शर्मा वर्तमान विधायक ओम प्रकाश शर्मा से रहे भी पार पाना आसान नहीं है। च्याँके आठ चार से लगातार उनको वोट देने वाले हजारों मतदाता आज भी उनके साथ हैं। लेकिन फिर भी इस बार शिक्षक वर्ग से विधानपरिषद का हैंचुनाव लड़ रहे, राजपाल त्यागी जोकि मोदीनगर के एम.एम. कॉलेज में हैं शिक्षक हैं। उन्होंने परमार्थ संदेश के समक्ष यह दावा पेश किया है कि तीस हजार एक सौ वोटों में से, दस हजार कि बोट तो केवल उनके द्वारा बनवाये गये है। इन्हीं दस हजर चोटों के आधार पर वे अपनी जीत सुनिशित मान रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के द्वारा घोषित शिक्षक वर्ग के प्रत्याशी श्रीचन्द्र शर्मा भी वहां क्षेत्र में निरन्तर सम्पर्क कर रहे हैं, वहीं उनकी पार्टी भी अपने कार्यकर्ताओं को इस चुनाव में पूरी तरह से उतार रही है। भन्पा का दावा है कि संगठन स्तर पर भी जनपदों में जकर उनके कार्यकर्ता लगातार सम्पर्क कर रहे हैं। इसी तरह सभी अठ प्रत्याशियों के भी अपने-अपने जीत के आंकड़े व दावे हैं लेकिन अभी तो चुनाव की अधिसूचना भी जारी नहीं हुई है। असली तस्वीर तो उसके बाद सष्ट होगी। तब देखा जायेगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा। 


2014 में क्याथा रिजल्ट


2014 में शिक्षकवर्ग से चुनाव में कुल 14,698 वोट डाले गये थे। उस समय 2014 में आठ प्रत्याशी मैदान में थे, चुनवजीतनेवाले ओमप्रकाश शर्मा कोकुल 6259 वोट मिलेये।जबकि कुलमतों के हिसाब से जीत के लिए निर्धारित कोटा7153 वोट का या.जो किसी भी प्रत्याशीको नहीं मिला।दूसरे नंबर परगजियाबाद के अनिल अग्रवाल रहे थे, जिन्हें 5056 वोट मिले थे। इस तरह गजियाबाद के इस समय राज्यसभ सदस्य अनिल अग्रवाल 2014 में यह चुनाव मात्र 1203 वोटों से हार गये वेजबकि तीसरे नंबर पर रहे उमेश त्यागीको 3054 वोट मिले थे।