केजरीवाल  ने लगाए एक तीर से कई निशाने

कन्हैया कुमार के बहाने


केजरीवाल  ने लगाए एक तीर से कई निशाने राष्ट्रवाद के सहारे भाजपा को कड़ी चुनौती देने का प्लान


 बिहार चुनाव के लिए नया चेहरा मिलते ही कर दी कन्हैया कुमार की छुट्टी


नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आखिर 4 साल 20 दिन के बाद जेएनयू लोडर से भाकपा नेता बने कन्हैया कुमार के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की हरी झंडी देकर एक तीर से कई निशने लगाये हैं। केजरीवाल ने कन्हैया कुमार सहित 10 नेताओं के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने की इजाजत देकर सियासत की बड़ी पारी खेली है। इससे उन्होंने भाजपा के राष्ट्रवाद को चुनौती देकर राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पार्टी को उभारने के संकेत दिये हैं। विपक्षी दल भाजपा, कांग्रेस ने ये आरोप लगाये हैं कि दिल्ली के दंगों में आम आदमी पाटी के नेताओं की संलिप्तता सामने आते ही केजरीवाल ने तत्काल कन्हैया कुमार के खिलाफ केस चलाने की अनुमति देकर खुद को पाक-साफ होने की चाल चली है। आरोप यह हैं कि जब 9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैम्पस में संसद पर हमले के मास्टरमाइंड माने जाने वाले अफजल गुरु की बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में कन्हैया कुमार सहित दर्जनों छात्रों ने जमकर देश विरोधी नारे लगाये थे। उस समय केजरीवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा था , निलियंट स्पीच बाई कन्हैया कुमार'। अब उन्हीं केजरीवाल ने 4 साल 20 दिन के बाद उन्हीं कन्हैया कुमार के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का केस चलाने की इजाजत दे रहे हैं। यह भी आरोप लग रहा है कि पीएफआई से राष्ट्रविरोधी बयान देने वाले संबंध रखने वाले इमरान हुसैन, राष्ट्रविरोधी बयान देने वाले शोएब इकबाल और भड़कीले बयान वाले अमानतुझा और दिल्ली दंगे में लिप्त आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन के सामने आने से केजरीवाल ने ये नया पैत्तरा खेला है। यह भी जानकारी मिली है कि केजरीवाल कन्हैया कुमार के मामले को बिहार चुनाव के लिए लटका रहे थे। आरोप लग रहे हैं कि कन्हैया कुमार केजरीवाल के लिए पार्टी के लिये नया चेहरा थे लेकिन जब उन्हें दिल्ली चुनाव में प्रशांत किशोर जैसा बेदाग चेहरा मिल गया तो उन्हें कन्हैया कुमार पर की जरूरत नहीं रही और इसीलिए मारोगेउन्होंने फाइनली कन्हैया कुमार के निकलेगाखिलाफ उस फाइल पर हस्ताक्षर नहीं करके केस चलाने की अनुमति दे दी जिसके लिए भाजपा और अन्य दलों ने दिल्ली चुनाव के समय टुकड़ेआसमान सिर पर उठा रखा था। 9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैम्पस में अफजल गुरु की बरसी पर छात्र नेताओं ने कनैया कुमार ।के सामने राष्ट्र विरोधी नारे लगाये यह थे। वीडियो के अनुसार इस मौके केजरीवाल पर छात्रों ने 'कितने अफजल साथ मारोगे, घर-घर से अफनल मुनीचनिकलेगा', 'अफनल की हत्या बाशीर नहीं सहेंगे', 'कश्मीर की महिलाएं खिलाफ संघर्ष करें', 'कश्मीर के नौजवान दी संघर्ष करो', 'भारत तेरे होंगे कि टुकड़े-टुकड़े', 'लड़कर लेंगे वाले आजादी', 'कश्मीर मांगे आजादी' शामिल के नारे लगाये थे। इस वीडियो को उठ लेकर दावे-प्रतिदावे भी किये गये होनी ।बाद में केन्द्र सरकार की जांच में यह वीडियो सही पाया गया। केजरीवाल ने कन्हैया कुमार के साथ ही उमर खालिद, अनिान, मुनीच, उमर गुल, बशरत अली, बाशीर भट सहित 10 लोगों के खिलाफ केस चलाने की इजाजत दी है। अब सवाल यह उठ रहा है कि इस वीडियो में नारे लगाने वाले दर्जनों कश्मीरी भी छात्र शामिल थे, अब उन पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिये।


कन्हैया कुमार मुसलमान भी नहीं है फिर क्यों लगाया नारा?


राष्ट्रद्रोह मामले को लेकरवतरहीएकटीवी चैनल परबहस के दौरान एक विश्लेषक अलीशाह ने कहा कि राष्ट्रद्रोही नारेबाजी लगानेवाले सभी लोगोंपर सखा से सखा सजा होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि मैं इस तरह की नारेबाजी की कड़ी निंदाकरता हूं। साथ ही उन्होंने यह सवाल उठाया कि आज देश के जिम्मेदार लोगों को इसका पर विचार करना चाहिये कि यदि कन्हैया कुमार ने राष्ट्रद्रोही नारे लगाये हैं तो उन्हें ऐसे नारे लगाने की जरूरत क्यों पड़ी क्योंकि कन्हैया कुमार मुसलमान भी नहीं है, इसपर एंकर ने सखा आपतिकरते हुए कहा कि यहां पर हिन्दू मुसलमान की बात नहीं है, कानून तोड़ने वाला मुजरिम है, इसमें हिन्दू मुसलमान की बात नहीं है।


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